Current Financial Year 2022-23: मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नीचे आएगा चालू खाते का घाटा- शक्तिकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में चालू खाते का घाटा (कैड) पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) की तुलना में कम रहेगा. पहली छमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत रहा है.
मुंबई, 8 फरवरी : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में चालू खाते का घाटा (कैड) पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) की तुलना में कम रहेगा. पहली छमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत रहा है. दास ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि आयात घटने से दूसरी छमाही में कैड नीचे आएगा. चालू खाते का घाटा पहली छमाही में जीडीपी का 3.3 प्रतिशत रहा है, जो इससे एक साल पहले की समान अवधि के 0.2 प्रतिशत से काफी अधिक है.
दास ने कहा, ‘‘2022-23 की तीसरी तिमाही में स्थिति सुधरी है. जिंसों के दाम घटने से आयात नीचे आया है. इससे वस्तुओं का व्यापार घाटा कम हुआ है.’’ दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सेवाओं का निर्यात 24.9 प्रतिशत बढ़ा है. सॉफ्टवेयर, कारोबारी और यात्रा सेवाओं में वृद्धि से कुल सेवा निर्यात बढ़ा है. 2023 में वैश्विक स्तर पर सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं पर खर्च बढ़ने की उम्मीद है. इसके अलावा भारतीयों द्वारा विदेशों से भेजा जाने वाला धन (रेमिटेंस) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा है. यह विश्व बैंक के अनुमान का दोगुना है. दास ने कहा, ‘‘चालू खाते का घाटा दूसरी छमाही में नीचे आएगा और इसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकेगा.’’ यह भी पढ़ें : अडाणी मामला: दास ने कहा, बैंकों की स्थिति मजबूत, ‘इस प्रकार के मामलों’ का असर नहीं
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह 22.3 अरब डॉलर पर मजबूत रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 24.8 अरब डॉलर रहा था. दास ने कहा कि जुलाई से छह फरवरी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का प्रवाह सुधरकर 8.5 अरब डॉलर रहा है. गवर्नर ने कहा कि इसके अलावा विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर भी स्थिति सुधरी है. 21 अक्टूबर, 2022 को विदेशी मुद्रा भंडार 524.5 अरब डॉलर था, जो 27 जनवरी, 2023 तक बढ़कर 576.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि देश का बाहरी ऋण अनुपात अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से नीचे है. देश का बाहरी ऋण/जीडीपी अनुपात मार्च, 2022 के 19.9 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 19.2 प्रतिशत रह गया.