देश की खबरें | राहुल गांधी की टिप्पणी पर माकपा ने कहा, सरकार के अधिनायकवाद की आलोचना अभिन्न अधिकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में लोकतंत्र के बारे में की गई टिप्पणी का बृहस्पतिवार को बचाव करते हुए कहा कि उनके द्वारा अमेरिकी लोकतंत्र की प्रशंसा ‘बचकाना’ है और सरकार के ‘अधिनायकवाद’ की आलोचना करने का उनका अधिकार उनसे ‘छीना नहीं जा सकता ’ है।

नयी दिल्ली, 23 मार्च मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में लोकतंत्र के बारे में की गई टिप्पणी का बृहस्पतिवार को बचाव करते हुए कहा कि उनके द्वारा अमेरिकी लोकतंत्र की प्रशंसा ‘बचकाना’ है और सरकार के ‘अधिनायकवाद’ की आलोचना करने का उनका अधिकार उनसे ‘छीना नहीं जा सकता ’ है।

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के नवीनतम संस्करण में अडाणी समूह पर लगे आरोपों के संदर्भ में सरकार द्वारा दी गई प्रतिक्रिया की भी आलोचना की।

उल्लेखनीय है कि हाल में हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह पर लेनदेन में धोखाधड़ी और शेयरों के मूल्यों में फेरबदल के आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि वह सभी कानूनों का पालन करता है और नियामक की शर्तों के अनुसार जानकारी साझा करता है।

मुखपत्र में प्रकाशित संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सरकार द्वारा संसद की कार्यवाही को बाधित करना पूर्वनियोजित है ताकि अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर किसी तरह की चर्चा को रोका जा सके। माकपा ने दावा किया कि अब सरकार की योजना बजट सत्र के दूसरे हिस्से की अवधि में कटौती करने और बिना किसी चर्चा के अनुदान और वित्त विधेयक को पारित कराने की है।

पार्टी ने संपादकीय में जोर देकर कहा कि मामले को लेकर संसद में चर्चा और सफाई देने की जरूरत हैं

संपादकीय में कहा गया,‘‘ऐसा करने के बजाय संसद सत्र के पहले दिन (13 मार्च को बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले दिन)हमने देखा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर हमले का नेतृत्व किया और उनसे माफी की मांग की।

पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी और उनके द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के तहत लोकतंत्र को खतरा होने संबंधी आलोचना ऐसी है जिसका समर्थन सभी विपक्षी नेताओं को करना चाहिए।

संपादकीय में कहा गया, ‘‘विदेशी धरती पर की गई टिप्पणी की वजह से देशभक्त नहीं होने का आरोप फर्जी है क्योंकि सरकार की भूमिका की आलोचना करना देश पर हमला नहीं है।’’

पीपुल्स डेमोक्रेसी ने लिखा, ‘‘ राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन में दिए सभी बयानों और विचारों से कोई पूरी तरह से सहमत नहीं हो सकता जिसमें कैम्ब्रिज में दिए गए भाषण में अमेरिकी लोकतंत्र को लेकर बचकाना रूप से की प्रशंसा शामिल है, लेकिन सरकार के अधिनायकवाद की आलोचना का उनका अधिकार अविछिन्न है फिर चाहे वह देश में हो या विदेश में।’’

संपादकीय में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा के दौरान सवालों का सामना किया, लेकिन संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में घंटों तक बहस का जवाब देने के बावजूद अडाणी का एक बार भी नाम नहीं लिया।

माकपा ने कहा, ‘‘ यह हैरी पॉटर उपन्यास के पात्र शैतान लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट की याद दिलाता है, जो इतना खतरनाक और शक्तिशाली था कि उसका नाम तक नहीं लेते थे। कई लोग उसका संदर्भ ‘‘उसका नाम नहीं ले सकते’ से करते थे। नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ऐसा लगता है कि गौतम अडाणी ऐसे हैं जिनका नाम नहीं लिया जा सकता। मोदी और अडाणी के बीच का गठजोड़ उजागर हो गया है।’’

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