देश की खबरें | सेंट्रल विस्टा पुन:विकास योजना के तहत परियोजनाओं की निगरानी के लिए ‘पेशेवर मदद’ लेगा सीपीडब्ल्यूडी

नयी दिल्ली, 10 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत चल रही सभी परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने और उसकी निगरानी करने के लिए केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ‘पेशेवर मदद’ लेगा। विभाग ने परियोजनाओं की निगरानी के लिए प्रस्ताव मंगवाएं हैं और वह इसके लिए चयनित फर्म को चार साल की अवधि में 12 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा।

केन्द्रीय आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले सीपीडब्ल्यूडी के अनुसार, एक परियोजना सहायता इकाई (पीएसयू) गठित की जाएगी और सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की प्रगति पर नजर रखने के लिए उसके पास तकनीकी विशेषज्ञ होंगे।

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नया संसद भवन, सभी मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए एक साझा केन्द्रीय सचिवालय, विजय चौक से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे कर्तव्य पथ का सौंदर्यकरण, प्रधानमंत्री के लिए नया आवास और कार्यालय तथा नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव शामिल है।

सीपीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव मंगवाने के लिए तैयार अपने दस्तावेज में कहा है कि परियोजना में तमाम पहलू हैं और उनकी योजना तथा क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से होना है। इतनी विशाल परियोजना की निगरानी पेशेवर तरीके से आधुनिक प्रबंधन ‘टूल्स’ की मदद से की जानी चाहिए।

सीपीडब्ल्यूडी ने इस दस्तावेज में कहा है कि एक ऐसी परियोजना सहायता इकाई के गठन की जरूरत महसूस की जा रही है जो परियोजनाओं की निगरानी करने में आवासीय और शहरी विकास मंत्रालय और विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की सहायता करेगी और परियोजना के भीतर मकैनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लम्बिंग सेवाओं की समीक्षा करेगी।

उसमें कहा गया है, ‘‘इस दस्तावेज का लक्ष्य सेंट्रल विस्टा परियोजनाओं के लिए पेशेवर मदद लेना और सभी पक्षों के बीच आपसी सहयोग से परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करना है। इस कार्य के लिए उचित तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।’’

सीपीडब्ल्यूडी ने अपने इस दस्तावेज में कहा है कि ‘तकनीकी कर्मचारी’ हर सप्ताह कामकाज की मौके पर जाकर समीक्षा करेंगे और उसके आधार पर साप्ताहिक/मासिक प्रगति रिपोर्ट तैयार करेंगे जिसमें परियोजना की महत्वपूर्ण प्रगति का जिक्र होगा।

अपनी रिपोर्ट में ये परियोजना से जुड़ी विभिन्न समस्याओं, बाधाओं और अन्य खतरों के सबंध में पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारियों या मंत्रालय को सूचित करेंगे और उनसे बचने या निपटने के उपाय भी सुझाएंगे।

दस्तावेज में कहा गया है कि पीएसयू के ‘तकनीकी कर्मचारी’ सभी एजेंसियों... कंसल्टेंट, ठेकेदार, सामग्री और उपकरण आपूर्तिकर्ता, भारी सामग्री के आपूर्तिकर्ता... से समन्वय करेंगे और सारा कामकाज योजना के अनुरुप चले, यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सलाह देंगे।

इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित करने वाले अपने दस्तावेज में सीपीडब्ल्यूडी ने कहा है कि परियोजना इकाई या व्यक्ति परियोजना से जुड़ी कोई भी जानकारी सक्षम प्राधिकार के अलावा अन्य किसी व्यक्ति/फर्म/नेटवर्क किसी को मुहैया नहीं कराएगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)