COVID-19: कोविड जल्द स्थानिक बन जाएगा,लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि नुकसान नहीं पहुंचाएगा
कोविड-19 महामारी के चलते 2020 के बाद से हमने कई उतार-चढ़ाव देखें हैं और महामारी के चलते आगे क्या कुछ होगा, इसका पूर्वानुमान लगाना भी कठिन है. जहां तक कोविड-19 के अंत की बात है, तो कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक स्थानिक रोग बन जाएगी. विशेषज्ञों के इस मत का क्या अर्थ है, इसको लेकर काफी असमंजस है.
जीलॉन्ग (ऑस्ट्रेलिया), 1 फरवरी : कोविड-19 महामारी के चलते 2020 के बाद से हमने कई उतार-चढ़ाव देखें हैं और महामारी के चलते आगे क्या कुछ होगा, इसका पूर्वानुमान लगाना भी कठिन है. जहां तक कोविड-19 के अंत की बात है, तो कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक स्थानिक रोग बन जाएगी. विशेषज्ञों के इस मत का क्या अर्थ है, इसको लेकर काफी असमंजस है. इसका एक प्रमुख कारण रोग के बरकरार रहने को लेकर पैदा हुआ असमंजस हैं. साथ ही इस बात को लेकर भी असमंजस है कि हमेशा रहने वाले रोग के तौर पर कोविड-19 का क्या रूप होगा. इसके लिये सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि 'एपिडेमिक' यानी महामारी का वास्तविक अर्थ क्या है? कोई रोग या तो 'महामारी' होता है या 'स्थानिक'. एपिडेमिक यानी महामारी की सबसे सीधी व्याख्या यह है कि यह एक ऐसी बीमारी होती है, जो सामुदायिक स्तर पर व्यापक रूप से फैली होती है. जब महामारी फैलती है तो एक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई की जरूरत होती है ताकि रोग संक्रमण को काबू किया जा सके.
जबकि दूसरी ओर स्थानिक (एंडेमिक) हमेशा मौजूद रहने वाला रोग है. कोविड-19 महामारी के बारे में भी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि यह एक ऐसा रोग बन गया है, जिसका कोई अंत नहीं है. महामारी यानी दुनियाभर में व्यापक रूप से फैली बीमारी होती है. रोग की संक्रामकता और गंभीरता के आधार पर इसमें वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की जरूरत होती है, जैसा कि हमने कोविड के दौरान देखा है. सार्स-कोव-2 जैसे पूरी तरह के नए वायरस में गंभीर बीमारी पैदा करने की क्षमता होती है, साथ ही यह अत्यधिक संक्रामक होता है, जिसके चलते लोगों की प्रतिरक्षा कमजोर होने की सूरत में यह बहुत तेजी से फैलता है. हालांकि जैसे-जैसे इस तरह के रोगों से निपटने के तरीके ईजाद हो जाते हैं, तब यह उतने घातक नहीं रहते, जितने शुरुआत में होते हैं. कोविड-19 को लेकर भी विशेषज्ञों को यही मानना है कि धीरे-धीरे यह रोग आम हो जाएगा और उतना नुकसानदायक नहीं रहेगा, जितना अब है. यह भी पढ़ें : महामारी में बढ़ते चिकित्सा अपशिष्ट से स्वास्थ्य, पर्यावरण के लिए खतरा: रिपोर्ट
हालांकि किसी रोग के स्थानिक होने पर हम सावधानी बरतना छोड़ दें, यह ठीक नहीं है. कोविड के स्थानिक रोग बनने के बारे में अलग-अलग मत होने के कारण होने भविष्य में इसके रूप को लेकर और भी अधिक असमंजस पैदा हो गया है. ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है कि हम सावधानी को न छोड़ें और न ही वायरस के आगे आत्मसमर्पण करें. हमें इस बात की भी ध्यान रखना चाहिये कि जो खतरा इस वायरस ने लोगों और समुदायों के सामने पैदा किया है, उसे किसी भी हाल में हल्के में न लिया जाए. इसके लिये हमें मास्क पहनने, टीका लगवाने और अन्य नियमों का पालन करते रहना चाहिये.
कोविड-19 को लेकर इस वक्त एक बड़ा सवाल यह है कि इसे कब स्थानिक रोग घोषित किया जाएगा. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल इस संबंध में काफी कुछ सामने आ जाएगा.