देश की खबरें | वीवीपैट के जरिए ईवीएम के सत्यापन संबंधी याचिका पर न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका पर निर्वाचन आयोग से सोमवार को जवाब मांगा, जिसमें यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि मतदाताओं के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों को ‘वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीपीपैट) के जरिए सत्यापित किया जाए।

नयी दिल्ली, 17 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका पर निर्वाचन आयोग से सोमवार को जवाब मांगा, जिसमें यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि मतदाताओं के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों को ‘वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीपीपैट) के जरिए सत्यापित किया जाए।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी नहीं कर रही है, बल्कि केवल एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा दायर याचिका की एक प्रति आयोग के स्थायी वकील को देने के लिए कह रही है।

पीठ ने आयोग से तीन सप्ताह में अपना जवाब देने को कहा।

पीठ ने एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण से कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह अत्यधिक संदेह का मामला है। हम कभी-कभी कुछ मामलों को लेकर जरूरत से ज्यादा संदेह करने लगते हैं। हमें यकीन है कि यदि इस प्रकार की समस्याएं हैं, तो उन्होंने (आयोग ने) इन्हें दूर करने के लिए कदम उठाए होंगे। इसलिए हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं और केवल प्रति देने के लिए कह रहे हैं।’’

भूषण ने कहा कि वह भी मानते हैं कि जहां तक ईवीएम को हैक किए जाने की बात है, तो कभी-कभी याचिकाकर्ता ‘‘अत्यधिक संदेह’’ करते हैं, लेकिन वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ करने के कई अन्य तरीके हैं।

उन्होंने कहा कि इसी तरह की एक याचिका में पीठ ने 2019 में नोटिस जारी किया था और उन्होंने अदालत से इस याचिका को भी उसके साथ संलग्न करने का अनुरोध किया। पीठ ने भूषण का अनुरोध स्वीकार कर लिया।

तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई याचिका में एनजीओ ने आयोग और केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है कि मतदाता वीवीपैट के जरिए यह सत्यापित कर सकें कि उनके मत ‘‘जिस तरह दर्ज हुए हैं, उसी तरह गिने गए हैं।’’

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