देश की खबरें | शवों की शिनाख्त के लिये डीएनए जांच की प्रक्रिया पर अदालत ने दिल्ली सरकार से मांगी रिपोर्ट
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नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर की सरकार से शवों की शिनाख्त करने के लिए डीएनए परीक्षण की खातिर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने यहां फरवरी 2020 में हुए दंगों के बाद दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले कहा था कि इस तरह की प्रक्रियाएं तैयार की जानी चाहिए, लेकिन बताया गया कि यह मुद्दा अभी अनसुलझा है।
अदालत का आदेश मार्च 2020 में एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका से निपटने के दौरान पारित किया गया था, जिसने अधिकारियों को डीएनए मिलान की प्रक्रिया जल्दी पूर्ण करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि बरामद शवों में से एक क्या उसके भाई का है। उसका भाई उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बीच लापता हो गया था।
अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, “इसकी जांच करें और बताएं।”
अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को अपने सुझाव देने की भी अनुमति दी। अगर एसओपी को अभी तक तैयार नहीं किया गया है तो दिल्ली सरकार उन सुझावों पर विचार कर सकती है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वर्तमान मामले में तत्काल डीएनए परीक्षण के लिए एक निर्देश पारित किए जाने के बाद यह पाया गया कि विचाराधीन शव याचिकाकर्ता के भाई का था।
याचिकाकर्ता ने पहले अदालत को बताया था कि उसका भाई 25 फरवरी, 2020 को घर से लापता हो गया था और दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में उस समय हुए दंगों, हिंसा और आगजनी की पृष्ठभूमि में उसे डर था कि उसका भाई मारा गया हो।
शव का डीएनए मिलान तत्काल करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने 19 मार्च 2020 को कहा था कि एक एसओपी होनी चाहिए ताकि ऐसे आवश्यक मामलों को समय पर और समान तरीके से निपटाया जा सके।
इस मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी।
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