कोच्चि, छह नवंबर केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को त्रिशूर के एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज में छात्र संघ चुनाव के नतीजे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जहां आधी रात को वोटों की दोबारा गिनती के बाद स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के उम्मीदवार को अध्यक्ष घोषित किया गया था।
न्यायमूर्ति टी.आर. रवि ने कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया और कहा कि श्री केरल वर्मा कॉलेज के अध्यक्ष, जो सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा से हैं, दायर की गई रिट याचिका का फैसला आने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।
विपक्षी दल कांग्रेस की छात्र शाखा ‘केरल स्टूडेंट्स यूनियन’ (केएसयू) ने यह याचिका दायर की है।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने निर्वाचन अधिकारी को चुनाव संबंधी दस्तावेज उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।
त्रिशूर के श्री केरल वर्मा कॉलेज में एक नवंबर को उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिला था, जब केएसयू ने एसएफआई पर छात्र संघ चुनाव में अपने अध्यक्ष उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए वोटों की पुनर्गणना के दौरान हेराफेरी करने का आरोप लगाया था।
केएसयू ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ने एसएफआई उम्मीदवार के खिलाफ एक वोट से चुनाव जीता था।
केएसयू ने याचिका में दावा किया कि उसके उम्मीदवार श्रीकुट्टन शिवदासन ने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार अनिरुद्धन को कांटे की टक्कर में हराकर कॉलेज में एसएफआई के चार दशक लंबे शासन को समाप्त कर दिया है।
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