मुंबई, तीन सितंबर एल्गार परिषद एवं माओवादियों से संबंध होने के मामले में आरोपी एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की याचिकाओं पर बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को जवाब दाखिल करने के लिए शुक्रवार को दो हफ्ते का वक्त दिया। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि एजेंसी ने उनसे जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं उनकी क्लोन प्रति उन्हें मुहैया कराई जाए।
भारद्वाज और नवलखा ने इन प्रतियों के लिए पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने 20 अगस्त को एनआईए को इस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया था।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जामदार की पीठ को सूचित किया कि एनआईए का जवाब ‘लगभग तैयार’ है और उन्होंने इसे दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया। सिंह के इस अनुरोध को पीठ ने स्वीकार कर लिया।
सिंह ने कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख को जो मौखिक बयान दिया गया था, एजेंसी उसे ही जारी रखना चाहती है। उसमें एजेंसी ने कहा था कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में उपरोक्त याचिकाओं पर उच्च न्यायालय से सुनवाई की अगली तारीख तक शहर की विशेष एनआईए अदालत में आरोप तय नहीं किए जाऐंगे।
पिछले महीने एनआईए ने विशेष अदालत में मसौदा आरोप दायर किए थे और अदालत ने आरोप तय करने के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की थी।
मामले में भारद्वाज, नवलखा एवं कुछ अन्य सह-आरोपियों ने आरोप तय करने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की क्लोन प्रतियों की मांग की है। आरोपियों ने विशेष अदालत से अनुरोध किया था कि आरोप तब तक तय नहीं किए जाएं तब तक कि क्लोन प्रतियों के उनके आवेदनों का निबटारा नहीं हो जाता। लेकिन विशेष अदालत ने इससे इनकार कर दिया जिसके बाद भारद्वाज और नवलखा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
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