देश की खबरें | अदालत ने ‘शिवलिंग’ की ‘कार्बन डेटिंग’ पर जवाब दाखिल करने के लिए एएसआई को अंतिम मौका दिया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित ‘शिवलिंग’ की ‘कार्बन डेटिंग’ पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है।

प्रयागराज, 21 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित ‘शिवलिंग’ की ‘कार्बन डेटिंग’ पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है।

अदालत ने इस बात पर नाराज़गी जाहिर की कि एएसआई ने आठ महीने का समय लेने के बावजूद जवाब दाखिल नहीं किया और इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि पांच अप्रैल निर्धारित की।

याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी और तीन अन्य ने वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए मौजूदा याचिका दायर की है। वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में 16 मई 2022 को सर्वेक्षण के दौरान पाए गए कथित ‘शिवलिंग’ की ‘कार्बन डेटिंग’ की मांग खारिज कर दी थी।

इससे पूर्व, अदालत ने एएसआई को अपना जवाब दाखिल करने के लिए आठ महीने का समय दिया था। हालांकि, सोमवार को जब इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई, तो एएसआई के वकील ने यह कहते हुए और समय मांगा कि एएसआई को अन्य एजेंसियों से भी परामर्श लेना है।

जवाब दाखिल किए जाने में विलंब पर नाखुशी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा, “अन्य एजेंसियों से परामर्श लेने की आड़ में समय विस्तार का आवेदन पहले ही दिया जा चुका है। एएसआई द्वारा अब पांच अप्रैल से आगे और समय नहीं मांगा जाना चाहिए।”

अदालत ने वाराणसी की अदालत को भी निर्देश दिया कि वह पांच अप्रैल के बाद की तिथि इस मामले में सुनवाई के लिए तय करे।

‘कार्बन डेटिंग’, बहुत पुरानी वस्तुओं में कार्बन के विभिन्न रूपों की मात्राओं को मापकर उनके काल का निर्धारण करने की एक पद्धति है।

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