देश की खबरें | न्यायालय ने अजित गुट के राकांपा विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर निर्णय लेने की समयसीमा बढ़ाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से जुड़े राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला करने के लिए राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दी गई समयावधि सोमवार को 15 फरवरी तक बढ़ा दी।

नयी दिल्ली, 29 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से जुड़े राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला करने के लिए राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दी गई समयावधि सोमवार को 15 फरवरी तक बढ़ा दी।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को राकांपा के शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल की इस याचिका पर फैसला करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को 31 जनवरी तक का समय दिया था। पाटिल की याचिका में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का हिस्सा बनने के लिए पाला बदलने वाले राकांपा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध किया गया है।

न्यायालय ने उसी दिन नार्वेकर को निर्देश दिया था कि वह शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की ओर से दाखिल उन याचिकाओं पर भी 31 दिसंबर तक फैसला करें जिनमें दोनों ने एक-दूसरे के विधायकों को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया है।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों पर गौर किया कि याचिका पर आदेश पारित करने के लिए तीन और सप्ताह की आवश्यकता है।

मेहता ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर अध्यक्ष द्वारा हाल में पारित आदेश का उल्लेख किया और कहा कि प्रतिवादियों की जिरह अभी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यह 31 जनवरी तक पूरी हो जाएगी तथा आदेश पारित करने के लिए तीन सप्ताह का समय और दिए जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि अध्यक्ष प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर याचिकाओं के निपटारे में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि राकांपा के मामले में कार्यवाही वैसे समाप्त हो चुकी है और अध्यक्ष को आदेश लिखने के लिए वास्तव में कुछ और समय की आवश्यकता है।

शरद पवार गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि अध्यक्ष को प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके द्वारा मांगे गए तीन सप्ताह के बजाय एक सप्ताह का और समय दिया जा सकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘25 जनवरी के (विधानसभा अध्यक्ष के) आदेश में अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि प्रतिवादियों (राकांपा गुटों) के लिए गवाहों से जिरह पूरी नहीं की जा सकी है।...’’

उसने कहा, ‘‘हम (विधानसभा अध्यक्ष द्वारा) आदेश सुनाए जाने का काम पूरा करने के लिए 15 फरवरी, 2024 तक का समय देते हैं।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के जयंत पाटिल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर आग्रह किया है कि विधानसभा अध्यक्ष को अजित पवार और उनके प्रति वफादार विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए।

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