देश की खबरें | न्यायालय ने बिभव की याचिका पर पुलिस को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का बुधवार को निर्देश दिया।

नयी दिल्ली, सात अगस्त उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का बुधवार को निर्देश दिया।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ से कहा कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय चाहिए।

कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तीन सप्ताह का समय दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि मामले में आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने राजू को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को तय की।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने कुमार के बर्ताव के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था, ‘‘क्या इस तरह के गुंडे मुख्यमंत्री के आवास में काम करने चाहिए?’’ पीठ ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दर्ज की गई घटना के विवरण से स्तब्ध है।

कुमार ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है और दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं। कुमार ने यह भी कहा है कि जांच पूरी हो जाने के बाद अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है।

पीठ ने सिंघवी से पूछा था, ‘‘क्या मुख्यमंत्री आवास एक निजी बंगला है? क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए?’’ सिंघवी ने कहा था कि मालीवाल की चोटें गंभीर प्रकृति की नहीं थीं और प्राथमिकी 13 मई की घटना के तीन दिन बाद दर्ज कराई गई थी।

कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के सरकारी आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें महिला को डराना-धमकाना, निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास करना शामिल है। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।

कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोपी काफी ‘रसूखदार’ है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता।

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