कोरोना पीडि़तों का अंतिम संस्कार बाधित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अदालत का निर्देश
मेघालय में 69 वर्षीय एक डॉक्टर की मौत के एक दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया था। एक स्थानीय निकाय और श्मशान ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर विरोध किया था।
शिलांग, 17 अप्रैल मेघालय उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें जो राज्य में कोविड-19 पीड़ितों के दाह संस्कार या दफनाने में बाधा डालते हों।
मेघालय में 69 वर्षीय एक डॉक्टर की मौत के एक दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया था। एक स्थानीय निकाय और श्मशान ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर विरोध किया था।
राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत का यह पहला मामला था।
इस घटना के बाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने बृहस्पतिवार की रात एक जनहित याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीठ ने रात में मामले की सुनवाई की और सख्त आदेश पारित किया।
आदेश में कहा गया है कि कि कोई भी व्यक्ति, स्थानीय निकाय या संगठन महामारी पर नियंत्रण करने के अभियान में शामिल या इससे किसी भी प्रकार से संबंधित अधिकारियों को बाधित करता है, उसके खिलाफ कानून के उपयुक्त प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए जाएं और कानूनी कार्रवाई की जाए।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के अधिकारी लोगों को संवेदनशील बनाएंगे, विशेष रूप से जहां श्मशान या कब्रिस्तान स्थित हैं ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
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