Maratha Community Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के 2018 के महाराष्ट्र के कानून के अमल पर लगाई रोक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उचचतम न्यायालय ने शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून के अमल पर बुधवार को रोक लगा दी लेकिन स्पष्ट किया कि जिन लोगों को इसका लाभ मिल गया है उन्हें परेशान नहीं किया जायेगा।
उच्चतम न्यायालय ने शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून के अमल पर बुधवार को रोक लगा दी लेकिन स्पष्ट किया कि जिन लोगों को इसका लाभ मिल गया है उन्हें परेशान नहीं किया जायेगा. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पीठ ने इस मामले को वृहद पीठ का सौंप दिया जिसका गठन प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे करेंगे.
इन याचिकाओं में शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी कानून की वैधता को चुनौती दी गयी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि 2018 के कानून का जो लोग लाभ उठा चुके हैं उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा. यह भी पढ़े | दिल्ली: लूटपाट और हत्या के मामले में ऑटो चालक सहित एक और शख्स गिरफ्तार.
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये शिक्षा और रोजगार में आरक्षण कानून, 2018 में बनाया था. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल जून में इस कानून को वैध ठहराते हुये कहा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण न्यायोचित नहीं है और इसकी जगह रोजगार में 12 और प्रवेश के मामलों में 13 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)