नयी दिल्ली, नौ जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है। यह जानकारी अदालत के सूत्रों ने मंगलवार को दी।
चक्रवर्ती को चीन के समर्थन में प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत समाचार पोर्टल के खिलाफ दर्ज मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी गई है।
विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर ने मामले में गिरफ्तार चक्रवर्ती को उनके उस आवेदन पर माफी दी, जिसमें उन्होंने हाल ही में अदालत से सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी थी। यह एक ऐसा कदम है, जो न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक और संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
चक्रवर्ती ने यह भी दावा किया कि उनके पास मामले के बारे में "महत्वपूर्ण जानकारी" है, जिसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करने को तैयार हैं।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने 3 अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था और ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
प्राथमिकी के अनुसार, "भारत की संप्रभुता को बाधित करने" और देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के लिए समाचार पोर्टल को बड़ी मात्रा में धनराशि चीन से आयी थी।
इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह - पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ साजिश रची थी।
पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी में नामजद संदिग्धों और डेटा के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों के खिलाफ 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 स्थानों और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए थे।
‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालयों और जिन पत्रकारों के खिलाफ जांच की गई, उनके आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए। छापेमारी के बाद विशेष प्रकोष्ठ ने नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की।
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