मथुरा, 10 अप्रैल आगरा के अस्पतालों से कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों को वृंदावन के डॉ केशव बलिराम हेगड़ेवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कथित तौर पर स्थानांतरित करने का स्थानीय साधु-संतों ने विरोध किया है।
संतों का कहना है कि कोरोना मरीजों के आने से तीर्थनगरी में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
रमण रेती स्थित श्री उदासीन कार्ष्णि आश्रम के जनसंपर्क अधिकारी कार्ष्णि नागेंद्र गौड़ ने बताया कि वह इस संबंध में कई अन्य संत-महात्माओं के साथ जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से मिले।
उनके अनुसार जिलकारी ने कहा, ‘‘आगरा के मरीजों को शासन के निर्देश पर मथुरा भेजा गया है। इसलिए वह स्वयं कोई निर्णय नहीं ले सकते। फिर भी उच्च अधिकारियों को उनकी मांग से अवगत करा दिया जाएगा। फिर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा।’
गौड़ ने बताया कि उन्होंने सांसद हेमामालिनी से भी फोन पर बात कर अपनी समस्या का निदान निकलवाने की मांग रखी है। सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने बताया, ‘हेमामालिनी ने बीती रात ही जिलाधिकारी से बात की थी। उन्हें भी लखनऊ से लिए गए निर्णय के बारे में बता दिया गया है। सांसद ने शासन स्तर पर बात करने का प्रयास किया। लेकिन उस समय वीडियो कान्फ्रेंसिंग के चलते उनकी बात नहीं हो पाई।’’
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ शेर सिंह ने बताया, ‘सीएचसी पर एक एसीएमओ और चार वरिष्ठ चिकित्सकों समेत 22 स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सफाई कर्मचारी आदि सभी अपेक्षित स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।’
गौरतलब है कि आगरा में अब तक कोरोना संक्रमित 89 मरीज पाए गए हैं। जिनमें से आठ पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं तथा एक महिला की मृत्यु हो चुकी है। शेष 80 में से 10 को मथुरा स्थानांतरित किया गया है।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया, ‘इन सभी को गुरुवार रात 10 बजे वृन्दावन लाया गया था। ये सभी उन 19 मरीजों में शामिल हैं, जिनकी सैंपल रिपोर्ट कल सुबह ही आई थी। इनमें से सात एक ही अस्पताल के स्टाफ से हैं। तीन कमला नगर के हैं। कुल मिलाकर इनमें दो महिला और आठ पुरुष शामिल हैं।
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