नयी दिल्ली, 10 अप्रैल नेपाल की सीमा के जरिये एक कुख्यात हथियार और जाली मुद्रा तस्कर द्वारा कोरोना वायरस संक्रमितों को भारत में भेजेने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद एसएसबी ने अपनी सभी टुकड़ियों को सतर्क कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) ने अपने नेपाली समकक्ष सशस्त्र पुलिस बल को भी इसकी सूचना दे दी है।
इससे पहले बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रामगढ़वा में स्थित एसएसबी की 47वीं बटालियन ने स्थानीय प्रशासन को इस सप्ताह की शुरुआत में ऐसी संभावना की जानकारी दी थी।
बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''नेपाल से लगी 1,752 किलोमीटर लंबी सीमा पर सभी टुकड़ियों को सतर्क किया जा चुका है, हालांकि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये देश में लागू लॉकडाउन के चलते सीमा पार से आवाजाही बंद है।''
उन्होंने कहा, ''जब तक इस साजिश का पर्दाफाश नहीं हो जाता, तब तक हमने सभी टुकड़ियों को सावधान रहने के लिये कहा है।''
उन्होंने कहा कि बलों की टुकड़ियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि को लेकर सतर्क रहने तथी गश्त और इलैक्टॉनिक निगरानी बढ़ाने के लिये कहा गया है।
अधिकारी ने कहा कि रामगढ़वा में बटालियन के कमांडेंट ने स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को नेपाल में स्थित हथियार एवं जाली भारतीय मुद्रा नोटों के तस्कर जालिम मुखिया और ''भारत में कोरोना वायरस फैलाने की उसकी योजना के बारे में बताया था।''
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह लॉकडाउन के दौरान नेपाल से बिहार में अपने घर लौट रहे कामगारों का इस्तेमाल कर अवैध कारोबार जारी रखने की अपराधी की योजना भी हो सकती है।
एसएसबी के महानिदेशक कुमार राजेश चन्द्र ने पीटीआई को बताया कि भारत और नेपाल सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त रूप से कदम उठा रहे हैं।
एसएसबी की खुफिया जानकारी के अनुसार मुखिया नेपाल के पारसा जिले में जगन्नाथपुर का निवासी है और उसके खिलाफ दोनों देशों में हथियारों की तस्करी और विदेशी मुद्रा तस्करी के मामले दर्ज है।
खुफिया जानकारी में कहा गया है कि विभिन्न देशों में काम करने वाले लगभग 200 भारतीय पांच-छह पाकिस्तानी नागरिकों के साथ सीमा के उस पार चंदनबरसा और खैरवा गांव में मस्जिद में ठहरे हुए हैं।
एसएसबी की जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में और लोग सीमावर्ती इलाकों में आकर अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
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