राजकोट, तीन मई गुजरात कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राजगुरु ने गांधीजी के लिए “चालाक” शब्द का इस्तेमाल करके विवाद खड़ा कर दिया और यह भी दावा किया कि राहुल गांधी महात्मा से बेहतर हैं क्योंकि वह “साफ दिल वाले और स्पष्टवादी” हैं।
राजगुरु ने जहां दावा किया कि उनके कहने का मतलब था कि गांधीजी “चतुर” थे वहीं, गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष भरत बोगरा ने कहा कि लोग महात्मा पर ऐसी टिप्पणियों के लिए कांग्रेस को माफ नहीं करेंगे।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित एक वीडियो में यहां एक मई को दूधसागर मार्ग पर एक छोटी सभा को संबोधित करते हुए राजकोट के पूर्व विधायक राजगुरु ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुद्ध हृदय और स्पष्टवादी हैं और लोग उनमें अगला महात्मा देखेंगे।
राजगुरु ने कहा, “यदि आप चाहें तो मेरे शब्द लिख लें। आने वाले दिनों में राहुल गांधी ही अगले महात्मा गांधी बनकर उभरेंगे। गांधीजी जहां कुछ हद तक चालाक थे, वहीं राहुल गांधी पूरी तरह से स्पष्टवादी और साफ दिल के हैं।”
उन्होंने वीडियो में आगे दावा किया कि लोगों ने राहुल गांधी को “पप्पू” (उपहास के तौर पर उनके लिये विरोधियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) के रूप में चित्रित करने की बहुत कोशिश की है, लेकिन देश ने उन्हें अपना नेता स्वीकार कर लिया है।
राजगुरु पर निशाना साधते हुए गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष भरत बोगरा ने कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों के लिए लोग कांग्रेस को माफ नहीं करेंगे।
बोगरा ने कहा, “गांधीजी हमारे राष्ट्रपिता हैं और उन्होंने हमें आजादी दिलाई। भारत और गुजरात के लोग ऐसी टिप्पणियों के लिए कांग्रेस को माफ नहीं करेंगे। यह गुस्सा चुनाव परिणामों में दिखाई देगा।”
मीडिया द्वारा इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर राजगुरु ने दावा किया कि उन्होंने जो कहा उसका उल्लेख इतिहास की किताबों में किया गया है।
उन्होंने कहा, “आज भाजपा अंग्रेजों की तरह काम कर रही है और लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रही है। यह केवल राहुल गांधी हैं जो भाजपा के खिलाफ उसी तरह लड़ रहे हैं जैसे महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी।”
उन्होंने कहा, “इसीलिए मैंने कहा कि आने वाले दिनों में लोग राहुल गांधी में महात्मा गांधी देखेंगे। मैंने गांधीजी से संबंधित इतिहास की कई किताबें पढ़ी हैं और ऐसी ही एक किताब में इस बारे में जिक्र था (कि गांधीजी चालाक थे)। मैंने अपने शब्द नहीं जोड़े हैं।”
राजगुरु ने यह भी दावा किया कि वह ‘चतुर’ शब्द का उपयोग करना चाहते थे, जो उनके अनुसार चालाक शब्द का समानार्थी है।
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