Contempt Case: फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अदालत में माफी मांगी, आरोपी मुक्त किए गए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और अदालत के एक न्यायाधीश के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी पर आपराधिक अवमानना ​​मामले के संबंध में बिना शर्त माफी मांगी।

पीटीआई (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल: फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और अदालत के एक न्यायाधीश के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी पर आपराधिक अवमानना ​​मामले के संबंध में बिना शर्त माफी मांगी. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने अग्निहोत्री की माफी को स्वीकार करते हुए उन्हें अवमानना के आरोप से मुक्त कर दिया और उन्हें भविष्य में सावधान रहने की चेतावनी दी. यह भी पढ़ें: Kajal Hindustani Provocative Speech Case: दक्षिणपंथी कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

पीठ ने कहा, “ विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि न्यायपालिका की संस्था के लिए उनके मन में अत्यधिक सम्मान है और उनका इस अदालत की महिमा को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था. इसके मद्देनजर उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस को वापस लिया जाता है. विवेक अग्निहोत्री को कथित अवमाननाकर्ता के तौर पर आरोपमुक्त किया जाता है.”

अग्निहोत्री उच्च न्यायालय के पहले के निर्देश का पालन करते हुए अदालत के सामने पेश हुए.

साल 2018 में फिल्मकार ने ट्वीट कर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था, क्योंकि उन्होंने भीमा-कोरोगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नज़रबंदी से मुक्त करने का आदेश दिया था. वह तब दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और अब उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं.

इसके बाद, उच्च न्यायालय ने अग्निहोत्री और अन्य के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी. फिल्म निर्माता ने एक हलफनामे के माध्यम से बिना शर्त माफी मांगी थी जिसके बाद अदालत ने पिछले साल छह दिसंबर को उनसे व्यक्तिगत रूप से पेश होकर माफी मांगने के लिए कहा था.

एक अन्य कथित अवमाननाकर्ता आनंद रंगनाथन की ओर से पेश वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 मई को उसके समक्ष उपस्थित रहेंगे. न्यायमित्र के रूप में इस मामले में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने पहले सूचित किया था कि रंगनाथन ने अवमानना ​​कार्यवाही के संबंध में ट्वीट किया था कि वह लड़ाई लड़ेंगे.

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव से पत्र प्राप्त करने के बाद स्वयं इस मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी. न्यायाधीश के खिलाफ ट्वीट के लिए चेन्नई से निकलने वाले साप्ताहिक "तुगलक" के संपादक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति के खिलाफ भी अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की गई थी.

गुरुमूर्ति के खिलाफ कार्यवाही अक्टूबर 2019 में बंद कर दी गई थी.

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