नदियों का संरक्षण करना नागरिकों का संवैधानिक कर्तव्य: एनजीटी अध्यक्ष

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि नदियों, झीलों और वनों का संरक्षण करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है.

नयी दिल्ली, 22 सितंबर: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि नदियों, झीलों और वनों का संरक्षण करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि नदी प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न पहल तभी सफल होंगी जब देश के प्रत्येक व्यक्ति को जल निकायों को साफ रखने की अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा.

न्यायमूर्ति श्रीवास्तव यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित चौथे 'नदी उत्सव' के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 51ए (मौलिक कर्तव्य) के तहत यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह वनों, झीलों और नदियों का संरक्षण करे.’’ उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने भी कहा था, ‘‘कोई भी कानून या प्राधिकरण तब तक प्रदूषण को हटाने में सफल नहीं हो सकता जब तक कि लोग सहयोग ना करें। मेरे विचार से, ‘गंगा की पवित्रता’ को सुनिश्चित करना उन सभी का पवित्र कर्तव्य है जो गंगा नदी के आसपास रहते हैं या व्यापार करते हैं.’’ इस कार्यक्रम में आईजीएनसीए के अध्यक्ष राम बहादुर राय, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी, पर्यावरणविद अनिल कुमार जोशी और अन्य लोग शामिल हुए. समापन समारोह 24 सितंबर को आयोजित किया जाएगा.

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