देश की खबरें | कांग्रेस खाद की कमी को लेकर मध्यप्रदेश में यात्रा शुरू करेगी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मध्यप्रदेश में खाद की कथित कमी और इसकी कालाबाजारी के विरोध में जल्द ही ‘गांव-खेत यात्रा’ शुरू करेगी।

भोपाल, 17 अक्टूबर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मध्यप्रदेश में खाद की कथित कमी और इसकी कालाबाजारी के विरोध में जल्द ही ‘गांव-खेत यात्रा’ शुरू करेगी।

यह कदम कांग्रेस द्वारा राज्य में ‘किसान न्याय यात्रा’ निकालने के एक महीने बाद उठाया गया है। इस यात्रा में सोयाबीन सहित तीन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की मांग की गई थी।

कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख जीतू पटवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम फिर से राज्यव्यापी किसान विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने जा रहे हैं। अब हम ‘गांव-खेत यात्रा’ निकालेंगे। हम जल्द ही विरोध-प्रदर्शन की तारीखों के बारे में आपको बताएंगे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसान विरोधी हैं। किसानों को खाद नहीं मिल रही है और पूरे प्रदेश में इसकी कालाबाजारी भी बड़े पैमाने पर हो रही है।’’

पटवारी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में चौहान के नेतृत्व वाली (पूर्ववर्ती) भाजपा सरकारों ने गरीब किसानों को दी जाने वाली एक लाख रुपये की कर्जमाफी योजना रोक दी थी, जिसे कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था।

उन्होंने दावा किया कि खुद को किसान का बेटा कहने वाले चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों के लिए कुछ नहीं किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसलिए मैं उन्हें किसान विरोधी कहता हूं।’’

खाद की कमी के बारे में कुछ अखबारों की सुर्खियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

पटवारी ने आरोप लगाया, ‘‘मध्यप्रदेश में खाद की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है।’’

कांग्रेस के कार्यकाल को याद करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1993 से 2003 तक खाद के एक बोरी की भी कमी नहीं थी।

राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में खाद की कमी और इसकी कालाबाजारी बेरोकटोक जारी है।

पटवारी और सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के लिए केंद्र से उर्वरकों का पर्याप्त हिस्सा नहीं मांगा है, जिससे उर्वरकों की कमी हो रही है और कालाबाजारी को बढ़ावा मिला है।

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