देश की खबरें | लोस सदस्यता से राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ बंगाल, महाराष्ट्र, असम में कांग्रेस का प्रदर्शन

कोलकाता/नासिक/गुवाहाटी, 25 मार्च कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ शनिवार को पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और असम में प्रदर्शन किया।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने हाजरा इलाके में आशुतोष मुखर्जी रोड को अवरुद्ध किया। उन्होंने भाजपा पर ‘बदले की राजनीति करने’ और ‘लोकतंत्र को दबाने की कोशिश करने’ का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ नारेबाजी की।

कोलकाता में राज भवन के गेट के पास युवा कांग्रेस के 50 कार्यकर्ताओं को धरना देते देखा गया। इन कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर राहुल की अयोग्यता की निंदा करने वाला संदेश लिखा हुआ था।

पुलिस के मुताबिक, कई प्रदर्शनकारियों को वाहन में भरकर लालबाजार इलाके में स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि कई प्रदर्शनकारियों को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था और फिर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, बर्धमान पूर्व, बर्धमान पश्चिम और जलपाईगुड़ी सहित कई अन्य जिलों में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किए।

वहीं, महाराष्ट्र के नासिक और ठाणे जिलों में भी कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल की अयोग्यता के खिलाफ सड़कों पर उतरे।

नासिक में प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने शिवाजी रोड पर बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

इस बीच, भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर नासिक के रविवर करांजा इलाके में राहुल के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कांग्रेस नेता का पुतला भी जलाया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि राहुल गांधी ने मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी से ओबीसी वर्ग का अपमान किया है। प्रदर्शन में भाजपा की नगर इकाई के प्रमुख गिरीश पाल्वे और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रकांत थोराट सहित कई अन्य बड़े नेता शामिल हुए।

वहीं, ठाणे शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल की अयोग्यता के खिलाफ आंबेडकर की प्रतिमा के पास धरना दिया। हाथों में सरकार विरोधी नारों वाली तख्तियां और बैनर थामे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए।

ठाणे में राहुल की टिप्पणी के खिलाफ भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवेसना गुट के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। आंबेडकर की प्रतिमा के सामने भाजपा के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पार्टी नेता मिलिंद पाटनकर ने कहा कि राहुल गांधी को इस मामले में जेल की सजा भुगतनी चाहिए।

शिंदे नीत शिवसेना गुट ने आंबेडकर की प्रतिमा के पास राहुल के खिलाफ रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ नारेबाजी की।

असम की राजधानी गुवाहाटी में कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं ने लोकसभा सदस्यता के लिए राहुल की अयोग्यता के खिलाफ विधायक आवास परिसर से ‘राज भवन चलो’ मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें राज्य सचिवालय के पास रोक दिया।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें बस में भरकर लगभग पांच किलोमीटर दूर चचल धरना स्थल ले गए। उन्होंने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया।

कांग्रेस के मुताबिक, जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, उनमें नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया, उप नेता रकीबुल हुसैन और महिला मोर्चा, एनएसयूआई व पार्टी के अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।

सैकिया ने आरोप लगाया, “राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया गया है, ताकि वह संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को उजागर न कर पाएं।”

उन्होंने कहा, “हम संसद की गरिमा को बहाल किए जाने की मांग करते हैं। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल की जानी चाहिए और उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।”

राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया था। इससे एक दिन पहले, सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि के एक मामले में राहुल को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। यह मामला ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई उनकी एक कथित टिप्पणी के लिए दायर किया गया था।

हालांकि, सजा के ऐलान के बाद अदालत ने राहुल को जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक लगा दी थी, ताकि वह फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें।

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