देश की खबरें | कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में कांग्रेस नेता दावेदारी पेश करने की कर रहे तैयारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भूमि आवंटन मामले में अभियोग शुरू करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती देने वाली कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होने के मद्देनजर कुछ कांग्रेसी नेता नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में शीर्ष पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।
बेंगलुरु, आठ सितंबर भूमि आवंटन मामले में अभियोग शुरू करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती देने वाली कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होने के मद्देनजर कुछ कांग्रेसी नेता नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में शीर्ष पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि, सभी कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों का कहना है कि सिद्धरमैया अपने पद पर बने रहेंगे।
दो वरिष्ठ मंत्रियों एम. बी. पाटिल और शिवानंद पाटिल के बीच मुख्यमंत्री बनने के लिए वरिष्ठता के पैमाने को लेकर एक तरह की जुबानी जंग छिड़ गई है।
एम. बी. पाटिल ने कहा, ‘‘मुझसे वरिष्ठ लोग हैं, लेकिन वरिष्ठता ही एकमात्र पैमाना नहीं है। अभी मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं है, सिद्धरमैया मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में भी बने रहेंगे, इसलिए मुख्यमंत्री बदलने की बात अप्रासंगिक है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन, मुख्यमंत्री बनने में वरिष्ठता या कनिष्ठता कोई बड़ा (मापदंड) मुद्दा नहीं है। मैं कांग्रेस में भी वरिष्ठ हूं, मैं 1991 से पहले से कांग्रेस पार्टी में हूं, अब लगभग 35 साल हो गए हैं। इसलिए, मैं भी वरिष्ठ हूं, लेकिन वरिष्ठता ही एकमात्र पैमाना नहीं है।’’
एम.बी.पाटिल ने कहा, ‘‘एक न एक दिन मैं मुख्यमंत्री बनूंगा, मेरी इच्छा है, लेकिन लोभ नहीं। शिवन्ना पाटिल के तर्क के अनुसार, अगर वरिष्ठता पर विचार करना है, जैसा उन्होंने कहा है कि मुझे इंतजार करना होगा,तो चलो इस पर सहमत हो जाते हैं। लेकिन, वह हाल ही में जनता दल, भाजपा छोड़कर पार्टी में आए हैं, वह कतार में नहीं हैं। विजयपुरा जिले से, अगर किसी को मुख्यमंत्री बनना है, तो वह मैं हूं, कोई और नहीं।’’उन्होंने शिवानंद पाटिल के बयान को ‘निजी राय’बताकर खारिज कर दिया।
इससे पहले शिवानंद पाटिल ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एम. बी. पाटिल का समर्थन करेंगे, तो उन्होंने कहा कि पार्टी में उनसे वरिष्ठ कई लोग हैं।
शिवानंद पाटिल ने कहा, ‘‘ऐसे कई लोग हैं, जो उनसे (एमबी पाटिल) वरिष्ठ हैं। क्या कोई वरिष्ठ नहीं है? उन्हें इंतजार करना होगा, जब वरिष्ठ हैं, तो क्या आपको इंतजार नहीं करना चाहिए?’’
एक बार फिर खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताते हुए शिवानंद पाटिल ने रविवार को विजयपुरा में कहा, ‘‘मैंने सिर्फ इतना कहा है कि अगर वरिष्ठ नेता, जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है, इसे खड़ा किया है और इसका इंतजार कर रहे हैं, मुख्यमंत्री बनते हैं, तो मुझे खुशी होगी, इसके अलावा कुछ नहीं।’’?
एम. बी. पाटिल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवानंद पाटिल ने कहा, ‘‘मैं यह भी जानता हूं कि वरिष्ठता ही एकमात्र पैमाना नहीं है, लेकिन अनेक लोगों ने पार्टी के लिए कई तरह से काम किया है, वे पार्टी अध्यक्ष बने और पार्टी का निर्माण किया तथा उसे सत्ता में आने में मदद की, उनकी इच्छा मुख्यमंत्री बनने की थी, लेकिन कोई और बन गया, पार्टी में ऐसे कई वरिष्ठ लोग हैं। उन्हें (मुख्यमंत्री) बनना चाहिए, हम कनिष्ठों को इसकी कामना करनी चाहिए।’’
जब रेखांकित किया गया कि सिद्धरमैया भी उनकी तरह एक अन्य पार्टी (जनता दल सेक्युलर) से कांग्रेस में आए थे, तो शिवानंद पाटिल ने कहा कि ऐसा लगता है कि एम. बी. पाटिल यह बात भूल गए हैं।
हालांकि, नेतृत्व में किसी भी बदलाव की स्थिति में उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार को इस पद के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन गृहमंत्री जी. परमेश्वर और लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली जैसे वरिष्ठ मंत्रियों के नाम भी चर्चा में हैं, खासकर नयी दिल्ली में पार्टी नेतृत्व के साथ उनकी हाल की बैठक के बाद।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष आर.वी. देशपांडे ने भी हाल ही में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की थी।
देशपांडे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्धरमैया ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री कौन बनाता है। विधायक और आलाकमान फैसला करेंगे....।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए पार्टी के भीतर ‘अंदरूनी लड़ाई’ छिड़ गई है और आने वाले दिनों में इसके और तेज होने की संभावना है, भले ही ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी में हर कोई बाहरी दुनिया को बता रहा है’’ कि वे सभी सिद्धरमैया के साथ खड़े हैं।
शेट्टार ने कहा, ‘‘आर. वी. देशपांडे ने इसकी शुरुआत की, फिर एमबी पाटिल, परमेश्वर, सतीश जारकीहोली, कतार लंबी है, और डी. के. शिवकुमार को लगता है कि वह वैध दावेदार हैं और आंतरिक रूप से सभी प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार को अपने अंतर्कलह की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ेगा।’’
कर्नाटक उच्च न्यायालय सोमवार को सिद्धरमैया की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू करेगा, जिसमें मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूखंड आवंटन मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी की वैधता को चुनौती दी गई है।
राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत प्रदीप कुमार एस पी, टी जे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों में अभियोग चलाने की मंजूरी प्रदान की।
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