देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में टकराव : एक गुट ने आजाद के विरोध में तो दूसरे ने समर्थन में किया प्रदर्शन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर की पार्टी इकाई में दरार पड़ गई है। इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक गुट ने आजाद का यहां पुलता फूंका और उन पर अपने ‘‘निजी हितों’’ की खातिर पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। इसके कुछ घंटे के बाद एक अन्य समूह ने आजाद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
जम्मू, दो मार्च कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर की पार्टी इकाई में दरार पड़ गई है। इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक गुट ने आजाद का यहां पुलता फूंका और उन पर अपने ‘‘निजी हितों’’ की खातिर पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। इसके कुछ घंटे के बाद एक अन्य समूह ने आजाद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य एवं जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व महासचिव मोहम्मद शाहनवाज चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता दोपहर को यहां प्रेस क्लब के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने आजाद का पुतला फूंका और ‘निजी हित’ के लिए भाजपा की ओर से पार्टी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
कुछ घंटे बाद ही जम्मू नगर निगम पार्षद गौरव चोपड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दूसरे समूह ने चौधरी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने पार्टी के खिलाफ डीडीसी चुनाव लड़ा वह कांग्रेसी नहीं है और वह भाजपा एवं आरएसएस के निर्देश पर कांग्रेस को कमजोर करने के लिए काम कर रहा है।’’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अपनी तरह का यह पहला प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है, जब आजाद का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए कुछ ‘जी-23’ नेताओं ने एक रैली को संबोधित किया था। ऐसा माना जा रहा है कि यह पार्टी नेतृत्व को संदेश देने के लिए अपनी ताकत दिखाने का तरीका था।
कांगेस के 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के साथ ही पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग की थी। तभी से इन नेताओं के समूह को ‘जी-23’ भी कहा जाता है।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने कहा कि पार्टी को शहर में हुए दोनों प्रदर्शनों की पूर्व में जानकारी नहीं थी और जो भी पार्टी के हित में होगा किया जाएगा।
आजाद के समर्थन में नारे लगाते हुए चोपड़ा ने कहा, ‘‘आजाद दिल से कांग्रेसी हैं और उन्हें किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। उन्होंने पांच अगस्त 2019 के घटनाक्रम (केंद्र द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का फैसला) के खिलाफ मजबूती से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था और राष्ट्र सेवा की उनकी लंबी पारी की प्रशंसा प्रधानमंत्री ने भी की थी।’’
आजाद के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को पार्टी से निकालने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ यह समझ आता है कि किसके हाथों में उनकी (चौधरी) डोर है।’’
चोपड़ा ने कहा कि जी-23 के नेताओं ने जिन्होंने शनिवार को निजी कार्यक्रम में बोला था पार्टी की मजबूती का आह्वान किया था।
इससे पहले चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के एक समूह ने आजाद के खिलाफ नारेबाजी की थी और उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की थी।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चौधरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा उन्हें (आजाद को) शीर्ष पर रखा और जब पार्टी को संकट के इस समय उनके अनुभव की आवश्यकता थी, तो वह जम्मू-कश्मीर आए और उन्होंने हमसे राज्य का दर्जा छीनने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। यह स्पष्ट है कि वह अपने निजी हित की खातिर पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।’’
पुंछ के सुरनकोट-ए निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डीडीसी चुनाव जीतने वाले चौधरी ने आजाद पर कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया और उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग की।
राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी के बीच चौधरी ने कहा कि वे अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने दशकों तक उन्हें (आजाद) तैयार किया, उन्हें कई बार राज्यसभा भेजा और उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया। जब कांग्रेस संकट में हैं, तो उन्हें पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने अनुभव का इस्तेमाल करना चाहिए था, लेकिन वह जी-23 नेताओं के एक समूह के साथ जम्मू-कश्मीर आते हैं और अपने निजी हितों की खातिर पार्टी को कमजोर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं।’’
आजाद ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह एक चाय बेचने वाले के रूप में अपने अतीत के बारे में खुलकर बोलते हैं तथा दुनिया से अपने अतीत को छिपाने की कोशिश नहीं करते।
चौधरी ने कहा कि आजाद डीडीसी चुनाव प्रचार से दूर रहे और गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जी-23 नेताओं को आमंत्रित किया जिसके अध्यक्ष वह स्वयं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ कांग्रेस कार्यकर्ता बेवकूफ नहीं है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने लाभ उठाया और जब वापस पार्टी को देने का समय आया तो वह उसके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।’’
चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर पार्टी कार्यकर्ता के ‘‘वास्तविक नेता’’ है और आजाद उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।’’
जब शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पार्टी को इसकी जानकारी नहीं थी।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने प्रदर्शन पर नाराजगी जताई और कहा कि पार्टी इसका संज्ञान लेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अनुच्छेद-370 हटाने के बाद संसद में उनके (आजाद) के भाषण पर गर्व है।’’
भल्ला ने साथ ही यह भी कहा कि प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व का समर्थन करता है।
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