ताजा खबरें | राज्यसभा में बोरवेल में गिरने से बच्चों की मौत पर चिंता जतायी गयी चिंता
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को बोरवेल व ट्यूबवेल के गड्ढों में गिरने से बच्चों की मौत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की नदियों में प्रदूषण और केरल में सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के कथित प्रयासों पर चिंता जताई और इन मामलों में सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
नयी दिल्ली, तीन अगस्त राज्यसभा के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को बोरवेल व ट्यूबवेल के गड्ढों में गिरने से बच्चों की मौत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की नदियों में प्रदूषण और केरल में सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के कथित प्रयासों पर चिंता जताई और इन मामलों में सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
उच्च सदन में शून्य काल के दौरान कुछ सदस्यों ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, घूमंतू जाति के लोगों को आवास योजना का लाभ सुनिश्चित करने और सरकारी अस्पतालों से योग्य चिकित्सकों के निजी अस्पतालों में पलायन पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की भी मांग उठाई।
मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सुमेर सिंह सोलंकी ने देश भर के विभिन्न स्थानों पर बोरवेल और ट्यूबवेल के गड्ढों में गिरने से मासूम बच्चों की जिंदगी समाप्त होने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने ऐसी कई घटनाओं का भी उल्लेख किया जिनमें तमाम कोशिशों के बावजूद गिरे बच्चों को नहीं बचाया जा सका।
एनसीआरबी के आंकड़ों के हवाले से उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में बोरवेल में गिरने वाले बच्चों की संख्या जहां 48 थी, वहीं 2015 में यह संख्या 71 हो गई।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के बारे में एक तथ्यान्वेषी दल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया था कि इस राज्य में 2010 से 2012 के बीच 561 बच्चे बोरवेल में गिरे थे और अब यह आंकड़ा हजारों में पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि 2006 से लेकर 2015 तक 16,000 से अधिक व्यक्ति, महिलाएं और बच्चे खुले गड्ढों में गिरने से मौत के शिकार हो चुके हैं।
सोलंकी ने कहा, ‘‘तमाम बचाव कार्यों में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। इस प्रकार की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्देश जारी किए हैं। इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़े कानूनों का प्रावधान होना चाहिए ताकि ऐसी भयवाह घटनाओं का दोहराव ना हो।
भाजपा के ही विजय पाल सिंह तोमर ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहने वाली यमुना, काली और हिंडन नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया और कहा कि इन नदियों का पानी पीने लायक नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लगी औद्योगिक इकाइयों, कार्यरत बूचड़खाने, चीनी मिल और रासायनिक कारखानों के प्रदूषित जल से इन नदियों का पानी जहरीला हो गया है और समीपवर्ती सैंकड़ों गांवों में कैंसर की बीमारी फैली हुई है।
तोमर ने कहा कि काली नदी के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई है वहीं हिंडन नदी का जहरीला पानी यमुना नदी में जा रहा है जो किसी भी उपयोग के लायक नहीं है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करे। इस सिलिसले में उन्होंने संबंधित राज्यों को निर्देश जारी करने का भी भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया।
उत्तर प्रदेश से भाजपा के सदस्य राधामोहन दास अग्रवाल ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा नेपाल की तराई में बोली जाने वाली भोजपुरी दुनिया की मीठी ओं में शामिल है और इसे नेपाल, फिजी और मॉरीशस में राष्ट्रीय संविधानिक के रूप में मान्यता है।
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