देश की खबरें | एक साथ चुनाव के लिए आयोग ने 800 अतिरिक्त भंडारागारों की आवश्यकता का अनुमान लगाया
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नयी दिल्ली, 14 जनवरी निर्वाचन आयोग ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंश मशीन (ईवीएम) और अन्य उपकरणों के भंडारण के लिए देश भर में 800 अतिरिक्त भंडारागारों की आवश्यकता का अनुमान लगाया है।
निर्वाचन आयोग ने भंडारागारों के निर्माण को एक ऐसी ‘दुष्कर प्रक्रिया’ करार दिया, जिसमें लागत अपरिहार्य है। भूमि और निर्माण की लागत संबंधित राज्य सरकारों द्वारा वहन की जाती है।
आयोग ने मार्च 2023 में केंद्रीय कानून मंत्रालय में विधि आयोग और कानूनी मामलों के विभाग के साथ एक साथ चुनाव कराने के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए थे।
इस मुद्दे पर उसके विचार अब संसद की संयुक्त समिति के सदस्यों के साथ साझा किए गए दस्तावेजों का हिस्सा हैं, जो देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए तंत्र बनाने वाले दो विधेयकों की जांच कर रहे हैं।
आयोग ने कहा है, ‘‘एकसाथ चुनाव होने की स्थिति में ईवीएम/वीवीपीएटी के सुरक्षित भंडारण के लिए करीब 800 अतिरिक्त गोदामों की जरूरत होगी।’’
आयोग ने कहा है कि सभी भंडारागारों में सुरक्षा और सुरक्षा विशेषताओं को लागू करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय की आवश्यकता होगी जिसमें सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, मासिक और त्रैमासिक निरीक्षण, फायर अलार्म, सीसीटीवी कैमरे जैसी प्रणालियां शामिल हैं।
हालांकि, निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा है कि यदि उसे पर्याप्त समय दिया जाता है और संबंधित राज्य सरकारों द्वारा इन आवश्यकताओं की प्राथमिकता तय की जाती है तो इस चुनौती से निपटा जा सकता है।
देश में लगभग 772 जिले हैं।
जुलाई 2012 में निर्वाचन आयोग ने ईवीएम और वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों (वीवीपीएटी) के भंडारण के लिए प्रत्येक जिले में ‘समर्पित भंडारागारों’ के निर्माण की शुरुआत की थी।
आयोग ने विधि आयोग को बताया था, ‘‘यह पता चला है कि 326 जिलों में नए भंडारागारों के निर्माण की आवश्यकता है। मार्च 2023 तक 194 भंडारागारों का निर्माण पूरा हो चुका है, 106 भंडारागार निर्माणाधीन हैं, 13 भंडारागारों के लिए भूमि की पहचान की गई है और मंजूरी दी गई है और 13 के लिए अब तक भूमि आवंटित नहीं की गई है।’’
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