देश की खबरें | कश्मीर घाटी में ठंड बढ़ी,ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और घाटी के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर, 24 दिसंबर कश्मीर में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और घाटी के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, मौसम विभाग ने सोमवार से कुछ दिनों तक ठंड और शुष्क मौसम से राहत मिलने का अनुमान जताया है।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के एक आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर में बारामुला जिला स्थित पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि काजीगुंड में तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
मौसम कार्यालय ने 26 दिसंबर तक जम्मू कश्मीर में ज्यादातर शुष्क मौसम रहने का अनुमान जताया है।
इसके बाद, केंद्र शासित प्रदेश में 26-30 दिसंबर के बीच आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, साथ ही ऊंचे स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है।
मौसम विभाग के कार्यालय ने कहा कि न्यूनतम तापमान में मामूली सुधार होगा, जिससे 26-31 दिसंबर तक ठंड और शुष्क मौसम से कुछ राहत मिलेगी। कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। 40 दिनों की कड़ाके की सर्दियों की अवधि के दौरान क्षेत्र में शीत लहर रहती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे घाटी के कई हिस्सों में जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइप लाइन भी जम जाती हैं।
इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम होती है। अधिकांश क्षेत्रों, विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।
‘चिल्लई-कलां’ 21 दिसंबर से शुरू होती है और 30 जनवरी को समाप्त होती है। इसके बाद भी 20 दिनों तक ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों की अवधि तक ‘चिल्लई-बच्चा’ रहता है।
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