कोल इंडिया ने कोयला ग्राहकों को देरी से भुगतान का विकल्प दिया

देशव्यापी प्रतिबंधों से बिजली की मांग में कमी से बिजली वितरण के साथ-साथ उत्पादक कंपनियों के नकदी प्रवाह पर पड़ रहे असर के बीच यह पहल की गयी है।

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने बिजली और गैर-बिजली ग्राहकों को बाद में भुगतान करने की सुविधा की पेशकश की है। कोल इंडिया ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) के दौरान कंपनियों को राहत और नकदी में सुधार के लिये मदद के इरादे से यह कदम उठाया है।

देशव्यापी प्रतिबंधों से बिजली की मांग में कमी से बिजली वितरण के साथ-साथ उत्पादक कंपनियों के नकदी प्रवाह पर पड़ रहे असर के बीच यह पहल की गयी है।

कोयला मंत्रालय ने बृस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बिजली क्षेत्र के ग्राहकों को राहत उपलब्ध कराने और नकदी बढ़ाने के इरादे से कोल इंडिया ने ईंधन आपूर्ति समझौतों (एफएसए) के लिये बिजली क्षेत्र के ग्राहकों को कोयला के भुगतान को लेकर नकद के बजाए बाद में निर्धारित अवधि पर भुगतान को लेकर साख पत्र (यूसेन्स लेटर ऑफ क्रेडिट) की सुविधा के उपयोग की अनुमति पहले ही दे दी है। ’’

इस व्यवस्था के तहत संबंधित कंपनी को पैसा भविष्य में पूर्व निर्धारित तिथि पर देना होता है।

कोल इंडिया ने अप्रैल महीने में इसी प्रकार की व्यवस्था गैर-बिजली क्षेत्र के ग्राहकों के लिये की है।

बयान के अनुसार इससे बिजली उत्पादकों और दूसरी कंपनियों को कार्यशील पूंजी चक्र में सुधार में उल्लेखनीय मदद मिलेगी।

इससे जहां एक तरफ बाजार में नकदी बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ कोयला ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।

मंत्रालय के अनुसार कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में बिजली क्षेत्र को 55 करोड़ टन कोयला उपलब्ध कराने की पेशकश की है।

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