देश की खबरें | ‘घड़ी’ चिह्न: न्यायालय ने अजित पवार नीत राकांपा से उसके आदेश के बाद जारी विज्ञापनों के ब्योरे मांगे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से उसके आदेश के अनुपालन में जारी किये गये समाचार पत्रों के विज्ञापनों का ब्योरा देने को कहा।

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से उसके आदेश के अनुपालन में जारी किये गये समाचार पत्रों के विज्ञापनों का ब्योरा देने को कहा।

न्यायालय ने अपने आदेश में रांकापा के इस धड़े को इस सूचना (डिस्क्लेमर) के साथ प्रचार करने का निर्देश दिया था कि उसे ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से जारी विज्ञापनों का विवरण देने को कहा। दरअसल शरद पवार ने आरोप लगाया था कि अजित पवार गुट अदालत के 19 मार्च के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘रोहतगी, आप इस संबंध में विवरण लीजिए कि इस आदेश के बाद कितने विज्ञापन जारी हुए। हमें इस पर फैसला करना पड़ेगा कि क्या वह (अजित पवार) इस प्रकार का बर्ताव कर रहे हैं। जानबूझकर हमारे आदेश में गफ़लत करने का अधिकार किसी को नहीं है।’’

शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 19 मार्च को इस अदालत ने एक आदेश पारित किया था जिसमें उनसे (अजित पवार धड़े से) अखबारों में यह विज्ञापन जारी करने को कहा गया था कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटन का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है और इस चिह्न का उपयोग फैसले के आधार पर होगा।

न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत पार्टी के धड़े से अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में अखबारों में यह सार्वजनिक नोटिस जारी करने को कहा कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटन का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है और इस चिह्न का उपयोग फैसले के आधार पर होगा।

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