विदेश की खबरें | ताइवान में सुरक्षा संवाद में भारत के पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी पर चीन ने जताई आपत्ति

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह बीजिंग के साथ कूटनीतिक संबंध रखने वाले देशों और ताइवान के अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के आधिकारिक संवाद का कड़ा विरोध करता है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

बीजिंग, 31 अगस्त चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह बीजिंग के साथ कूटनीतिक संबंध रखने वाले देशों और ताइवान के अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के आधिकारिक संवाद का कड़ा विरोध करता है।

भारत के तीन पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों के इस महीने ताइपे में ताइवान के अधिकारियों द्वारा आयोजित सुरक्षा संवाद में शामिल होने की खबरों पर एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यह बात कही।

स्वशासी ताइवान को अपना क्षेत्र मानने वाला चीन ताइपे की किसी भी उच्चस्तरीय यात्रा का नियमित रूप से विरोध करता रहा है और उसका कहना है कि यह एक-चीन के सिद्धांत का उल्लंघन है।

खबरों के अनुसार नौसेना, सेना और वायु सेना के पूर्व प्रमुख क्रमश: एडमिरल करमबीर सिंह, जनरल एमएम नरवणे और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हाल में ताइवान में आयोजित केटागलान फोरम के 2023 हिंद-प्रशांत सुरक्षा संवाद में शिरकत की थी।

इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन के साथ कूटनीतिक संबंध रखने वाले देशों और ताइवान के अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के आधिकारिक संवाद का चीन कड़ा विरोध करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा सतत और स्पष्ट रुख है। हमें उम्मीद है कि संबंधित देश एक-देश सिद्धांत का पालन करेगा, ताइवान से जुड़े मुद्दों को उचित तरीके से संभालेगा और ताइवान के साथ किसी भी तरह का सैन्य एवं सुरक्षा सहयोग रखने से दूरी बनाएगा।’’

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