जरुरी जानकारी | छत्तीसगढ़ का 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,47,446 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।

रायपुर, नौ फरवरी छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,47,446 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।

उन्होंने कहा कि यह गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी या ‘ज्ञान’ (जीवाईएएन) की समृद्धि पर केंद्रित है। साथ ही इससे बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी।

विष्णु देव साई ने दिसंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। साई नीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पहले बजट में किसी नए कर की घोषणा नहीं की गई।

चौधरी ने राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने के मकसद से इस साल एक नवंबर को ‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @2047’ नाम से एक दस्तावेज लाने की भी घोषण की।

चौधरी ने ‘विजन’ दस्तावेज पर कहा कि इसके तहत पहला मध्यावधि लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) को पांच लाख करोड़ रुपये से दोगुना करके 2028 तक 10 लाख करोड़ रुपये करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ बजट गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित है। इससे पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार तथा आजीविका को बढ़ावा देकर बुनियादी ढांचे के विकास को बल मिलेगा।’’

उन्होंने कहा कि बजट ‘मोदी की गारंटी’ के तहत किए गए (चुनाव पूर्व) वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ पिछले पांच वर्षों में पूर्ववर्ती (कांग्रेस) सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के साथ अन्याय किया। न केवल गरीबों से छत का अधिकार छीना गया, बल्कि खाद की कालाबाजारी, दो रुपये प्रति किलोग्राम गोबर की खरीद और 10 रुपये प्रति किलोग्राम में जबरन घटिया खाद (गाय के गोबर से तैयार) बेचने का भी काम किया गया।’’

मंत्री ने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकार ने महिलाओं को 500 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा करने में विफल रही।

उन्होंने कहा, ‘‘ दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत भूमिहीन मजदूरों को 10,000 रुपये की वार्षिक सहायता प्रदान की जाएगी जो पिछले साल 7,000 रुपये थी।’’

मंत्री ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख मकानों के निर्माण के लिए 8,369 करोड़ रुपये, छोटे तथा मझोले किसानों को मजबूत करने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये और जल जीवन मिशन के लिए 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

चौधरी ने कहा, ‘‘ राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है (जिसके तहत विवाहित महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे)। श्री राम लला दर्शन (अयोध्या धाम दर्शन) के लिए नागरिकों के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू की जाएगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘ रायपुर और भिलाई शहरों को शामिल करते हुए एक राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) की स्थापना की जाएगी। सोलर रूफटॉप, ई-वाहनों को प्रोत्साहन, कुसुम योजना सहित अन्य पर्यावरण अनुकूल योजनाओं को अपनाने के अलावा कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए एक जलवायु कार्य योजना तैयार की जाएगी।’’

चौधरी ने कहा कि ‘इन्वेस्ट छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए बजट में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई कर प्रस्ताव नहीं है और मौजूदा कर दरों में कोई वृद्धि नहीं है। सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप, राज्य के स्वयं के राजस्व में नए कर लगाए बिना या कर दरों में वृद्धि के बिना 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।’’

मंत्री ने सदन को बताया, ‘‘ वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य का सकल राजकोषीय घाटा 19,696 करोड़ रुपये (केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता के 3,400 करोड़ रुपये सहित) होने का अनुमान है, जबकि शुद्ध राजकोषीय घाटा 16,296 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 2.90 प्रतिशत है।’’

चौधरी ने कहा कि यह एफआरबीएम अधिनियम (राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम) में निर्धारित तीन प्रतिशत की सीमा के भीतर है।

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व अधिशेष 1,060 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील राज्यों में से एक है जो राजस्व अधिशेष की स्थिति बनाए रखता है।’’

मंत्री ने कहा कि 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 22,300 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो बजट परिव्यय का 15 प्रतिशत है और 2023-24 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।

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