देश की खबरें | उत्तराखंड में पंडा पुजारियों की मांग के चलते चारधाम यात्रा

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जियो

देहरादून, सात जून कोरोना वायरस संकट के मददेनजर चारधाम यात्रा तथा अन्य धार्मिक स्थलों को फिलहाल श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोलने की पंडा पुजारियों की मांग के चलते इस विषय पर निर्णय को लेकर उत्तराखंड सरकार असमंजस में है ।

बदरीनाथ मंदिर से लेकर यमुनोत्री मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर आदि प्रमुख मंदिरों के मुख्य पुजारियों और पूजा—अर्चना से जुडे तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को पत्र भेजा है तथा इस विषय में अपनी आशंकाएं जताते हुए उससे फिलहाल उन्हें श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने को स्थगित रखने का अनुरोध किया है ।

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चारधाम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी डी सिंह ने बताया कि मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के संबंध में राज्य सरकार के निर्देशों की प्रतीक्षा की जा रही है और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी ।

बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी तथा मंदिर में पूजा अर्चना कार्यों में लगे दो दर्जन से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक ज्ञापन भेजकर बदरीनाथ यात्रा को फिलहाल तीस जून तक बंद रखने का आग्रह किया है ।

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बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि चमोली की जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए यह आग्रह किया गया है । उन्होंने कहा,‘‘ यह समय की जरूरत है। संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बदरीनाथ की यात्रा फिलहाल स्थगित रखने में सभी की सुरक्षा है। ’’

यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित एवं मंदिर समिति भी अभी यात्रा शुरू करने के विरोध में हैं तथा उनका कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा समाप्त होने तक यात्रा शुरू करना उचित नहीं है।

यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने कहा कि अभी यात्रा शुरू करने से पहाड़ी क्षेत्र कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकता है और कई जीवन खतरे में पड़ जाएंगे ।

ऋषिकेश के निकट नीलकण्ठ महादेव मंदिर के महंत सुभाष पुरी ने भी कहा कि सरकार को अभी तीस जून तक तीर्थाटन शुरू नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी नहीं चाहते कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बाहर से यात्री नीलकण्ठ आएं । महंत ने कहा कि इस संबंध में सरकार को एक पत्र भेजकर अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया गया है ।

अल्मोडा जिले के प्रसिद्ध गोलू देवता और जागेश्वर मंदिर के पुजारियों ने भी फिलहाल मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के लिए उचित समय नहीं बताया है ।

इस बीच, देहरादून स्थित टपकेश्वर महादेव तथा कुछ अन्य मंदिरों में रविवार को नियमित साफ—सफाई, संक्रमणरोधन, सामाजिक दूरी का पालन करवाने आदि की व्यवस्था जैसी तैयारियां शुरू हो गयी हैं । छोटे-बड़े सभी मंदिरों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी कदमों के पोस्टर भी लगाए गए हैं ।

हरिद्वार में भी हर की पौडी को खोलने की कवायद शुरू कर दी गयी है। गंगा सभा हरिद्वार के अध्यक्ष प्रदीप झा ने बताया कि हर की पौडी का संक्रमणरोधन किया गया है । उन्होंने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं से सामाजिक दूरी सहित सभी नियमों का पालन करवाया जाएगा ।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल में इस बात के संकेत दिए थे कि चारधाम यात्रा को सीमित, नियंत्रित और सुरक्षित रूप से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है और परिस्थितियों के अनुरूप इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा ।

दीप्ति

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