सीईआरटी-इन ने संगठनों से वीपीएन के खिलाफ साइबर हमलों पर नजर रखने को कहा

कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने एक ताजा परामर्श में गोपनीय सूचनाओं को हासिल कर उनके दुरूपयोग के प्रति चेताया है, जहां गलत तत्व वास्तविक बैक एंड सपोर्ट होने का बहाना कर भोले-भाले कर्मचारियों से संवेदनशील आंकड़े हासिल करते हैं।

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नयी दिल्ली, 14 अप्रैल संघीय साइबर एजेंसी सीईआरटी-इन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये लागू लॉकडाउन में कर्मचारियों को घर से काम करने के लिये दी जा रही सुविधा के लिए संगठनों द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) को निशाना बनाए जाने समेत साइबर हमलों में बढ़ोतरी हुई है।

कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने एक ताजा परामर्श में गोपनीय सूचनाओं को हासिल कर उनके दुरूपयोग के प्रति चेताया है, जहां गलत तत्व वास्तविक बैक एंड सपोर्ट होने का बहाना कर भोले-भाले कर्मचारियों से संवेदनशील आंकड़े हासिल करते हैं।

कोविड-19 के प्रसार के कारण बढ़ी ऑनलाइन गतिविधियों की वजह से धोखेबाजों का यह नया हथकंडा तेजी से पांव पसार रहा है।

सीईआरटी-इन ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर के कई संस्थानों ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय आने से रोका है और उन्हें अपने घर से ही सुरक्षित माहौल में काम करने को कहा है। संगठन ईमेल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य चैट माध्यमों के जरिये संचार के लिये जोखिमपूर्ण वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वीपीएन सुरक्षित ऑनलाइन सर्वर के जरिये आंकड़ों को कूट संकेतों में बदलकर संचार को सक्षम बनाता है।”

उसने कहा कि बहुत सारे संगठन अपने काम की निरंतरता के लिये वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे में साइबर हमलावर विभिन्न संगठनों को निशाना बनाने के लिये इसे आसान जरिया पा रहे हैं।

भारतीय साइबर क्षेत्र की सुरक्षा के लिये काम करने वाली सीईआरटी-इन ने कहा, “इसलिये, अपने कारोबार की गोपनीयता, अक्षुण्णता और उपलब्धता बरकरार रखने के लिये संगठनों को अपने सूचना प्रौद्योगिकी कर्मियों के साथ समन्वय में वीपीएन को सुरक्षित रखने का तंत्र तैयार करना चाहिए।”

उसने संगठनों को यह भी सुझाव दिया कि उन्हें अपने कर्मचारियों को भी साइबर हमलों को लेकर ज्यादा संवेदनशील बनाना चाहिए जहां साइबर अपराधी ईमेल, टेक्स्ट संदेश के जरिये संवेदनशील जानकारी निकलवाने की कोशिश करते हैं।

उसने कहा, “कोविड-19 जैसी महामारियां गोपनीय सूचनाओं को हासिल कर उनके दुरूपयोग का जरिया बन सकती हैं। कर्मचारियों को ऐसे हमलों के बारे सतर्क रहने की जरूरत है…।”

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