देश की खबरें | केंद्र का वक्फ संशोधन विधेयक संपत्ति को ‘हड़पने’ के लिए बनाया गया है : एआईएमपीएलबी का आरोप

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बेंगलुरु, 25 नवंबर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र का वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 देश भर में वक्फ संपत्तियों को ‘‘हड़पने’’ के इरादे से तैयार किया गया है।

एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता एस. क्यू. आर. इलियास ने वक्फ मामले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) पर अपना काम ईमानदारी से नहीं करने का भी आरोप लगाया।

इलियास ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बोर्ड के सम्मेलन में महसूस किया गया कि वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को पूरे देश में फैली वक्फ संपत्ति को हड़पने के लिए चतुराई से तैयार किया गया है।’’

वह एआईएमपीएलबी के 29वें अधिवेशन के संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जो रविवार को बेंगलुरु में संपन्न हुआ।

इलियास ने कहा कि प्रस्तावित सभी 44 संशोधन और उनकी उप-धाराएं वक्फ संपत्ति की स्थिति को ‘‘खत्म करने और हेरफेर करने’’ के इरादे से तैयार की गई हैं।

उन्होंने दावा किया कि हितधारकों के सुझाव प्राप्त करने के लिए गठित जेपीसी उन लोगों को समय और तवज्जो दे रही है, जिनका इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं है और वे पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रहे हैं तथा नियमों एवं मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि जेपीसी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रही है।’’

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताते हुए इलियास ने कहा कि यह संविधान में मौलिक अधिकारों के तहत प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि बोर्ड स्पष्ट शब्दों में यह कहता है कि यह मुस्लिम समुदाय को अस्वीकार्य है, क्योंकि वे शरिया कानून से कभी समझौता नहीं करेंगे।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘बोर्ड इस हस्तक्षेप को भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सोची-समझी साजिश मानता है जिसके गंभीर नतीजे होंगे।’’

एआईएमपीएलबी ने धार्मिक स्थलों से संबंधित विवादों पर भी विचार-विमर्श किया।

पूजा स्थल अधिनियम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह अधिनियम घोषित करता है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र वैसा ही बना रहेगा जैसा वह आजादी पाने के दिन था।

उन्होंने कहा, ‘‘एआईएमपीएलबी ने देश के विभिन्न हिस्सों से वादियों को झूठे दावे करने से नहीं रोका है, जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा में शाही ईदगाह, मध्य प्रदेश में भोजशाला कमाल मौला मस्जिद, लखनऊ में तेलीवाली मस्जिद और अब उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद शामिल हैं, जहां अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू वादियों का दावा है कि ये मस्जिद एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी, जिसके कारण हिंसक झड़पें हुईं और गोलीबारी में तीन मुस्लिम प्रदर्शनकारियों की जान चली गई।’’

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