देश की खबरें | आरोपियों की रिहाई को सरल बनाने के लिए जमानत अधिनियम पेश करने पर विचार करे केंद्र : न्यायालय

नयी दिल्ली, 11 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को आपराधिक मामलों में आरोपियों की रिहाई को सरल बनाने के लिए उन्हें जमानत देने के वास्ते एक नया कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कई दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां ​​और उनके अधिकारी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41-ए (आरोपी को पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने का नोटिस जारी करना) का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों से उन विचाराधीन कैदियों का पता लगाने को भी कहा, जो जमानत की शर्तों को पूरा करने में समर्थ नहीं हैं। न्यायालय ने ऐसे कैदियों की रिहाई में मदद के लिए उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

सर्वोच्च अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों और राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों से चार महीने में इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़े मामले में फैसला सुनाए जाने के दौरान ये दिशा-निर्देश जारी किए।

फैसले का ब्योरा फिलहाल उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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