देश की खबरें | केंद्र सरकार ने मणिपुर के आंतरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया : गहलोत
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जयपुर, 11 जून कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा मणिपुर पर की गयी टिप्पणी को लेकर मंगलवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्र ने मणिपुर में हो रहे आंतरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया है।
इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि इस मुद्दे पर भागवत का बयान बहुत देर से आया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने 'एक्स' पर लिखा, ''मणिपुर हिंसा की केन्द्र सरकार द्वारा उपेक्षा को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान बहुत देर से आया है। पिछले एक साल में केन्द्र सरकार ने मणिपुर में हो रहे आंतरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया है।''
उन्होंने आगे लिखा,'' मणिपुर छोटा राज्य है परन्तु भारत का अभिन्न अंग है। राहुल गांधी ने मणिपुर का कई बार दौरा किया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी मणिपुर जाने का प्रयास ही नहीं किया।''
गहलोत ने कहा, ''मोहन भागवत को अब केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर उसे मणिपुर पर ध्यान देने के लिए मजबूर करना चाहिए जिससे वहां हिंसा रुक सके।''
उल्लेखनीय है कि भागवत ने मणिपुर में एक वर्ष बाद भी शांति बहाल नहीं होने पर सोमवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संघर्ष प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए।
मणिपुर में पिछले साल मई में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। तब से अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर आगजनी के बाद हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। इस आगजनी में मकान और सरकारी इमारतें जलकर खाक हो गई हैं। पिछले कुछ दिनों में जिरीबाम से ताजा हिंसा की सूचना आयी हैं।
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