जरुरी जानकारी | सीबीआईसी ने 2017-18, 2018-19 में जीएसटी रिटर्न में विसंगतियों के लिए 33,000 नोटिस भेजे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में दाखिल रिटर्न में विसंगतियों और करों के कम भुगतान के लिए पंजीकृत व्यवसायों को करीब 33,000 जीएसटी नोटिस भेजे हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, छह दिसंबर केंद्रीय कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में दाखिल रिटर्न में विसंगतियों और करों के कम भुगतान के लिए पंजीकृत व्यवसायों को करीब 33,000 जीएसटी नोटिस भेजे हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि राजस्व सचिव की अध्यक्षता में राज्य तथा केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक इस महीने के अंत या जनवरी की शुरुआत में होने की संभावना है। इसमें कर अधिकारियों का ऐसे नोटिस से निपटने के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा।
जीएसटी पर उद्योग मंडल एसोचैम के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीबीआईसी के सदस्य-जीएसटी शशांक प्रिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए भेजे गए नोटिस दोनों के लिए दाखिल किए गए कुल रिटर्न का ‘‘छोटा अंश’’ है।
उन्होंने बताया कि करदाताओं को दो साल के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए दी गई समयसीमा में विस्तार के कारण भी ऐसे नोटिसों का ढेर लग गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि सात फरवरी, 2020 तक बढ़ा दी गई थी, जबकि 2018-19 के लिए यह दिसंबर, 2020 तक थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ करदाताओं के अनुरोध पर रिटर्न दाखिल करने का समय बढ़ाया गया था। इसलिए रिटर्न भी देर से दाखिल किया गया और अधिकारी (रिटर्न की जांच करने के लिए) बहुत दबाव में आ गए। इसलिए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। उम्मीद है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे इस स्थिति का समाधान निकलेगा और हमारे पास एक ही समय में इतने प्रस्तावित नोटिस लंबित नहीं होंगे। 2017-18 के लिए ऐसा हुआ है और हम देखेंगे कि इससे कैसे निपटना है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने करों के कम भुगतान के लिए जीएसटी पंजीकृत व्यवसायों को करीब 30,000 से 33,000 नोटिस भेजे हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)