CBI ने जयहिंद चैनल को नोटिस जारी कर डीके शिवकुमार के निवेश का ब्यौरा मांगा

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले के संबंध में केरल के ‘जयहिंद’ चैनल को एक नोटिस जारी कर उससे कांग्रेस नेता द्वारा चैनल में किए गए निवेश की जानकारियां मांगी हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

DK Shivakumar | Photo: PTI

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले के संबंध में केरल के ‘जयहिंद’ चैनल को एक नोटिस जारी कर उससे कांग्रेस नेता द्वारा चैनल में किए गए निवेश की जानकारियां मांगी हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. शिवकुमार के खिलाफ मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी की बेंगलुरु इकाई ने ‘जयहिंद कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड’ के प्रबंध निदेशक को 11 जनवरी 2024 को उसके समक्ष पेश होने और जांच अधिकारी द्वारा मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने को कहा है.

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 के तहत जारी नोटिस में चैनल को शिवकुमार और उनकी पत्नी ऊषा शिवकुमार द्वारा किए गए निवेश, उन्हें दिए लाभांश, शेयरों के लेनदेन, वित्तीय लेनदेन के साथ ही उस बैंक का विवरण जिनके माध्यम से लेनदेन हुआ, हिस्सेदारी का विवरण, उनका बही खाता और अनुबंध नोट मांगा है. सीआरपीसी की धारा 91 किसी पुलिस जांच अधिकारी को मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए कहने का अधिकार देती है. सीबीआई ने चैनल में शिवकुमार के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए निवेश का ब्यौरा देने को भी कहा है. जयहिंद के प्रबंध निदेशक बी.एस. शिजू ने कहा कि उन्हें सीबीआई का नोटिस मिला है और वह एजेंसी को सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे. यह भी पढ़ें : Man Orders Condoms from Blinkit: दिल्ली के एक व्यक्ति ने ब्लिंकिट से एक साल में 9,940 कंडोम किए ऑर्डर

उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई साफ तौर पर केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है. केरल के कांग्रेस नेता शिजू ने दावा किया कि पूर्ववर्ती भाजपा नीत कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच की थी और कोई भी अवैध गतिविधि नहीं पाए जाने पर मामले की जांच बंद कर दी थी. उन्होंने ‘पीटीआई-’ से बातचीत में कहा कि मामले की जांच फिर से शुरू करना आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और उसके नेताओं को ‘‘प्रताड़ित’’ करने की कोशिश है

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