नयी दिल्ली, 17 नवंबर मलेशिया के एयरएशिया समूह ने मंगलवार को संकेत दिया है कि वह भारत में साझे में चल रही अपनी विमानन सेवा कंपनी से निकल सकता है। समूह ने कहा कि वह सस्ती सेवाएं देने वाली एयरएशिया इंडिया में अपने निवेश की समीक्षा कर रहा है, क्योंकि इसमें उसका ‘नकद धन डूबता जा रहा है’ और इससे उस पर वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है।
एयरएशिया इंडिया में टाटा समूह स्थानीय हिस्सेदार है। छह साल से अधिक समय से चल रही इस कंपनी के लिए कुछ समय से कारोबार में चुनौती बढ़ गयी है।
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एयरएशिया समूह ने एक बयान में कहा, उसे विश्वास है कि वह वर्तमान परिस्थितियों से विश्व में अपने अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक मजबूती और तेजी से उबरने में सफल होगा।
समूह ने कहा कि उसे जापान और भारत में अपने कारोबार को लेकर अधिक चिंता है।
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एयरएशिया समूह के अध्यक्ष (एयरलाइन) बो लिंगम ने बयान में कहा, ‘इन दोनों जगह हमारी कंपनियों में नकद धन डूबता जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि समूह इन बाजारों में अपनी लागत में कमी करने और डूब रहे नकद धन पर काबू पाने को प्राथमिकता दे रहा है।
कोविड-19 और लॉकडाउन से एयरलाइन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। एयरएशिया इंडिया का मुख्यालय बेंगलुरू में है। यह देश में 19 जगहों के लिए उड़ानें संचालित करती है। इसके बेड़े में 31 एयरबस ए320 विमान है। इसने 12 जून 2014 को परिचालन शुरू किया था।
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