America: भारत के कानूनी प्रावधानों की समीक्षा पूरी करने तक वहां टीके नहीं भेज सकते: अमेरिका

अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार से हरी झंडी मिलते ही वह कोविड-19 रोधी टीके भेजने को तैयार है. भारत ने अमेरिका से कहा है कि उसे टीके दान में लेने के कानूनी प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार से हरी झंडी मिलते ही उन टीकों को शीघ्रता से वहां भेजने को तैयार हैं.

कोरोना वैक्सीन (Photo Credits: Twitter)

वाशिंगटन, 14 जुलाई : अमेरिका (America) ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार से हरी झंडी मिलते ही वह कोविड-19 रोधी टीके भेजने को तैयार है. भारत ने अमेरिका से कहा है कि उसे टीके दान में लेने के कानूनी प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार से हरी झंडी मिलते ही उन टीकों को शीघ्रता से वहां भेजने को तैयार हैं.’’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भारत सहित दुनिया भर के कई देशों के साथ अपने घरेलू भंडार से कोविड-19 रोधी टीकों की आठ करोड़ खुराक साझा करने की घोषणा की है. हाल के सप्ताह में अमेरिका ने पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सहित दुनिया भर में टीके भेजे हैं.

हालांकि भारत सरकार ने इस तरह के आपातकालीन आयात के लिए आवश्यक कानूनी बाधाओं को अभी दूर नहीं किया है, इसलिए अभी तक टीके भारत नहीं भेजे गए हैं. ’’ प्राइस ने कहा, ‘‘ हमारे द्वारा उनको टीके भेजने से पहले, प्रत्येक देश को परिचालन, नियामक तथा कानूनी प्रक्रियाओं की अपनी घरेलू औपचारिकताओं को पूरा करना होगा, जो प्रत्येक देश के लिए विशिष्ट हैं. अभी, भारत ने कहा है कि उसे टीके दान में लेने के लिए कानूनी प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए. भारत के कानूनी प्रक्रिया पूरी करते ही हम शीघ्रता से टीके भारत भेज देंगे. यह भी पढ़ें : India America Relations: भारत और अमेरिका के बीच कोविड-19 महामारी, द्विपक्षीय संबंधों तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा

हम भारत सरकार की ‘कोवैक्स’ के साथ हुई चर्चा के आधार पर यह बता रहे हैं, जो टीकों को वहां भेजने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बना रहा है.’’ संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ पहल का लक्ष्य टीकों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा, ‘‘ मोटे तौर पर इस क्षेत्र में, पूरे दक्षिण एशिया में, हम अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका को लाखों टीके दान कर रहे हैं. दुनिया भर में अब तक लगभग चार करोड़ खुराकों की आपूर्ति की जा चुकी है.’’

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