जरुरी जानकारी | बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कैड घटकर जीडीपी का 0.2 प्रतिशत पर: आरबीआई आंकड़ा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश का चालू खाता घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी जीडीपी का 0.2 प्रतिशत रह गया।

मुंबई, 27 जून देश का चालू खाता घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी जीडीपी का 0.2 प्रतिशत रह गया।

मंगलवार को जारी आरबीआई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। व्यापार घाटे में कमी और सेवा निर्यात में जोरदार वृद्धि के कारण कैड कम हुआ।

आरबीआई ने कहा, ''भारत का कैड 2022-23 की चौथी तिमाही में घटकर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) रह गया, जो 2022-23 की तीसरी तिमाही में 16.8 अरब अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.0 प्रतिशत) और एक साल पहले समान अवधि में 13.4 अरब अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.6 प्रतिशत) था।''

कैड किसी देश के भुगतान संतुलन का एक प्रमुख संकेतक है।

पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कैड में गिरावट की मुख्य वजह मजबूत सेवा निर्यात के साथ व्यापार घाटे में रही थी। इस दौरान व्यापार घाटा 71.3 अरब डॉलर से घटकर 52.6 अरब डॉलर रह गया।

आरबीआई ने कहा कि कंप्यूटर सेवाओं से शुद्ध कमाई में वृद्धि के कारण सेवाओं से प्राप्तियां भी बढ़ी हैं।

समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर बढ़ा, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में इसमें 16.0 अरब डॉलर की कमी हुई थी।

वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाता शेष में जीडीपी के मुकाबले दो प्रतिशत का घाटा दर्ज किया गया, जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 1.2 प्रतिशत था।

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