देश की खबरें | उपचुनाव : तृणमूल को आसनसोल लोकसभा सीट से जुड़ा मिथक टूटने की उम्मीद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की लोकप्रियता और हिंदी-भाषी आबादी के बीच उनकी पकड़ के सहारे तृणमूल कांग्रेस आसनसोल लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में जीत की उम्मीद कर रही है। वहीं 'बिहारी बाबू' के नाम से मशहूर सिन्हा इस औद्योगिक शहर में बाहरी होने का तमगा उतारने की कोशिश में जुटे हैं।

आसनसोल (पश्चिम बंगाल), पांच अप्रैल अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की लोकप्रियता और हिंदी-भाषी आबादी के बीच उनकी पकड़ के सहारे तृणमूल कांग्रेस आसनसोल लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में जीत की उम्मीद कर रही है। वहीं 'बिहारी बाबू' के नाम से मशहूर सिन्हा इस औद्योगिक शहर में बाहरी होने का तमगा उतारने की कोशिश में जुटे हैं।

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने कभी भी आसनसोल लोकसभा सीट पर जीत का स्वाद नहीं चखा है, लेकिन इस बार वह इस मिथक को तोड़ने के लिए जी-जान से जुटी हुई है।

तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बर्धमान जिले के संयोजक वीएस दासु ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय सिन्हा इस सीट पर जीत हासिल करेंगे।''

पूर्व केंद्रीय मंत्री व आसनसोल से दो बार सांसद चुने गए बाबुल सुप्रियो ने पिछले साल भाजपा छोड़ तृणमूल का दामन थाम लिया था। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी है। उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा। मतगणना 16 अप्रैल को की जाएगी।

सुप्रियो के सहारे साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में आसनसोल में जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर इस सीट को अपनी झोली में डालने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने सिन्हा के खिलाफ अग्निमित्रा पॉल को मैदान में उतारा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद भाजपा छोड़ने वाले सुप्रियो तृणमूल के टिकट पर बालीगंज विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर भी 12 अप्रैल को मतदान होगा।

लोकसभा उपचुनाव में भी ''अपने और बाहरी'' की बहस चल रही है। इसी चुनावी दांव ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने में तृणमूल की मदद की थी। हालांकि, इस बार तृणमूल पर ही बाहरी उम्मीदवार उतारने का आरोप लग रहा है। भाजपा सिन्हा को ''बाहरी'' बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

आसनसोल लोकसभा सीट पर मौजूद लगभग 15 लाख मतदाता कोयला खादान श्रमिक, कारखाने में काम करने वाले मजजदूर और छोटे कारोबारी हैं। लगभग 45 प्रतिशत मतदाता हिंदी भाषी हैं। इस क्षेत्र में लगभग 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी भी है।

तृणमूल के सूत्रों के मुताबिक, पटना साहिब से दो बार के सांसद रहे सिन्हा पार्टी की राष्ट्रीय संपर्क रणनीति का हिस्सा हैं। सिन्हा ने अपने राजनीतिक जीवन की ज्यादातर अवधि में दिल्ली में काम किया है।

फिल्मों में जोरदार संवादों के लिए प्रशंसकों के बीच 'शॉटगन' के नाम से मशहूर सिन्हा ने हालांकि, अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा दिए गए ''बाहरी'' तमगे को खारिज कर दिया है। सिन्हा चार दशक तक भाजपा में रहे, इसके बाद थोड़े समय के लिए उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और फिर तृणमूल में शामिल हो गए।

सिन्हा ने 'पीटीआई-' से कहा, ''मैं किसी अन्य बंगाली से कम बंगाली नहीं हूं। मैं बाहरी नहीं हूं। मैंने हमेशा बंगाली और बंगाली संस्कृति को पसंद किया है। मैंने बंगाल में कई फिल्में की हैं और मैं फिल्मों में जो बंगाली संवाद बोलता हूं, वे डब किए हुए नहीं होते हैं।''

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