देश की खबरें | शीतलहरी में किसानों पर पानी की बौछारें करना क्रूरता : शिवसेना

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना ने सोमवार को आंदोलनरत किसानों से निपटने के भाजपा नीत सरकार के तौर-तरीकों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि शीतलहरी के बीच उन पर पानी की बौछारें करना क्रूरता है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

मुम्बई, 30 नवम्बर शिवसेना ने सोमवार को आंदोलनरत किसानों से निपटने के भाजपा नीत सरकार के तौर-तरीकों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि शीतलहरी के बीच उन पर पानी की बौछारें करना क्रूरता है।

मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पांच दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे सशर्त बातचीत का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने के पांचों प्रवेश बिंदुओं को बंद करने की चेतावनी भी दी है।

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शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर हमारे किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है और उनपर हमला किया जा रहा है जबकि आतंकवादी हमारे जवानों को कश्मीर में सीमाओं पर मार रहे हैं।’’

शिवसेना ने किसान आंदोलन के खालिस्तान से जुड़े होने का दावा करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की निंदा की।

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उसने कहा, ‘‘भाजपा अराजकता पैदा करना चाहती है। खालिस्तान एक बंद अध्याय है, जिसके लिए इंदिरा गांधी और जनरल अरुणकुमार वैद्य ने अपने प्राण न्यौछावर किए। ’’

उसने कहा, ‘‘सरकार राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है, लेकिन देश के दुश्मनों से निपटने के लिए उसकी यह दृढ़ता क्यों नहीं दिखती।’’

शिवसेना ने कहा कि पिछले एक महीने में सीमाओं पर दुश्मनों से लड़ते हुए महाराष्ट्र के 11 सैनिक शहीद हुए।

गुजरात में ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा निर्मित’’ सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा का जिक्र करते हुए ‘सामना’ ने अपने सम्पादकीय में कहा कि पटेल किसानों के नेता थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया था।’’

उसने कहा, ‘‘ किसानों के साथ हो रहे बर्ताव को देख उनकी प्रतिमा की आंखे जरूर नम हो गई होंगी।’’

शिवसेना ने कहा कि केन्द्र प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एक हथियार के रूप में कर रही है।

उसने कहा, ‘‘एजेंसी को अपनी वीरता दिखाने का मौका भी मिलना चाहिए।’’

उसने ईडी और सीबीआई के कर्मियों को अपने दुश्मानों के खिलाफ लड़ाई में सेना की मदद के लिए लद्दाख और कश्मीर में तैनात किए जाने का सुझाव भी दिया।

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