Hate Against Hindus In Schools: ब्रिटिश संस्था ने स्कूलों में हिंदुओं के प्रति नफरत की घटनाओं को लेकर आगाह किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ब्रिटेन में स्थित एक संस्था ने बुधवार के एक नयी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश के स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत फैलने को लेकर आगाह किया गया है। इस रिपोर्ट में कुछ घटनाओं के उदाहरण दिए गए है, जिनमें हिंदुओं को इस्लाम अपनाने के लिए परेशान किए जाने समेत विभिन्न घटनाओं का जिक्र है।
लंदन, 19 अप्रैल: ब्रिटेन में स्थित एक संस्था ने बुधवार के एक नयी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश के स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत फैलने को लेकर आगाह किया गया है. इस रिपोर्ट में कुछ घटनाओं के उदाहरण दिए गए है, जिनमें हिंदुओं को इस्लाम अपनाने के लिए परेशान किए जाने समेत विभिन्न घटनाओं का जिक्र है. यह भी पढ़ें: Bomb Blast in US: वाशिंगटन के सिएटल में अपार्टमेंट बिल्डिंग में हुआ बम धमाका, इमारत को किया गया खाली
आतंकवाद रोधी संस्था हैनरी जैक्सन सोसाइटी ने ‘स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत’ रिपोर्ट में कहा है कि जिन हिंदू अभिभावकों से बातचीत की गई, उनमें से 51 प्रतिशत ने बताया कि उनके बच्चे को हिंदू-विरोधी नफरत का सामना करना पड़ा है. अध्ययन में शामिल कुछ प्रतिभागियों ने कहा है कि हिंदू धर्म की शिक्षा के मामले में भी हिंदू छात्रों के साथ धार्मिक भेदभाव किया जा रहा है.
संस्था ने कहा, “यह रिपोर्ट ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते भेदभाव को रेखांकित करती है। सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत हिंदू अभिभावकों ने कहा है कि उनके बच्चे ने स्कूल में हिंदू विरोधी नफरत का सामना किया है.”
संस्था ने कहा, “यह रिपोर्ट स्कूलों में हिंदुओं के अनुभव के बारे में अधिक जागरूकता व समझ पैदा करने तथा अन्य प्रकार के संभावित पूर्वाग्रहों पर और शोध किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। यह ऐसी घटनाओं का पता लगाने के लिए अधिक विशिष्ट और सटीक सूचना तंत्र की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.”
ब्रिटेन के स्कूलों में 16 वर्ष की आयु तक धार्मिक शिक्षा (आरई) अनिवार्य है. यह रिपोर्ट ‘सूचना की स्वतंत्रता’ के तहत देशभर के 1,000 स्कूलों से मांगी गई जानकारी और स्कूली बच्चों के अनुभव के बारे में 988 माता-पिता से की गई बातचीत पर आधारित है. रिपोर्ट जारी करने से संबंधित कार्यक्रम में सांसद संदीप वर्मा ने कहा, “इस रिपोर्ट ने एक अहम मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। अगर हमारे बच्चे स्कूल जाने से डरने लगें, तो यह स्वीकार्य नहीं है, भले ही वह किसी में भी आस्था विश्वास रखते हैं.”
रिपोर्ट की लेखिका कार्लोट लिटिलवुड ने कहा कि अगस्त के अंत में दुबई में आयोजित एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के मद्देनजर पिछले साल लीसेस्टर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भड़की हिंसा के विश्लेषण के दौरान स्कूलों पर उनका ध्यान केंद्रित हुआ.
लिटिलवुड ने कहा, "हमने पाया कि शिक्षक समस्या से खेल रहे थे, इनमें समस्याओं पर पर्दा डालना और कुछ स्थानों पर हिंदू धर्म के प्रति पूर्वाग्रह युक्त विचार रखना शामिल है." उन्होंने कहा, "अगर हमें आगे बढ़ते हुए एक समान ब्रिटेन वासी बनना है, तो हमें अपनी कक्षाओं में सभी प्रकार की नफरत से निपटना होगा."
लिटिलवुड की रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा में हुए कुछ भेदभाव हिंदुओं और मुसलमानों के बीच लीसेस्टर में अशांति के दौरान देखी गई नफरत की अभिव्यक्तियों के समान थे. रिपोर्ट में कहा गया है, "हिंदुओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार के कई उदाहरण है, जैसे कि उनके शाकाहारी होने का मज़ाक उड़ाया जाना और उनके देवताओं का अपमान करना. ऐसा ही कुछ इस्लामवादी चरमपंथियों ने लीसेस्टर में हिंदू समुदाय के खिलाफ रैली में किया था. भारत में राजनीति और सामाजिक मुद्दों के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराए जाने के बीसियों मामले इजराइल के संबंध में यहूदियों से किए गए व्यवहार और 9/11 हमलों के बाद मुसलमानों से किए गए सलूक की याद दिलाते हैं.”
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