मुंबई, 28 सितंबर बंबई उच्च न्यायालय ने निजी क्षेत्र की वित्तीय कंपनी डीएचएफएल से जुड़े कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के एक मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी बिंदु और उनकी दो बेटियों राधा तथा रौशनी को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
न्यायाधीश भारती डांगरे की एकल पीठ ने कपूर की पत्नी और बेटियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
विशेष सीबीआई अदालत ने 18 सितंबर को उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में अवैध गतिविधियों से बैंक को 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है। इसी आदेश को तीनों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
निचली अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा था कि वे महिला होने के नाते सहानुभूति की हकदार नहीं हैं। तीनों मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद हैं।
तीनों ने उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका में कहा था कि विशेष सीबीआई अदालत से मामले में गंभीर चूक हुई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि विशेष अदालत के आदेश में कुछ गलत नहीं है।
सीबीआई के अनुसार राणा कपूर ने डीएचएफएल के कपिल वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश रची। राणा कपूर अभी जेल में हैं।
ब्यूरो ने कहा कि यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 के बीच डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स नामक एक कंपनी को ऋण के रूप में कपूर को 900 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इस कंपनी पर कपूर की पत्नी और बेटियों का नियंत्रण है।
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