देश की खबरें | भाजपा को श्रीलंका, अफगानिस्तान की तरह लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा: अभिषेक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश में ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण उसे श्रीलंका और अफगानिस्तान की तरह लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।
धूपगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 12 जुलाई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश में ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण उसे श्रीलंका और अफगानिस्तान की तरह लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।
बनर्जी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार जहां एक योजना के जरिये महिलाओं के हाथों में पैसे दे रही है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रसोई गैस की कीमत बढ़ाकर लगभग 1,100 रुपये प्रति सिलेंडर करके उनसे वह पैसा छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं।
बनर्जी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘श्रीलंका और अफगानिस्तान में जो हुआ, मुझे लगता है कि भारत के लोग भाजपा के खिलाफ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न करेंगे।’’
संकटग्रस्त श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवासों पर धावा बोल दिया था लेकिन दोनों उससे पहले ही अपने आवासों से निकल चुके थे। हालांकि, बनर्जी ने अफगानिस्तान का उल्लेख क्यों किया यह स्पष्ट नहीं है।
बनर्जी ने यह भी कहा कि टीएमसी के उत्तर बंगाल के वे नेता जिनके कारण पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदाता पार्टी से दूर हो गए थे, उन्हें अगले पंचायत चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा।
भाजपा नेताओं के एक वर्ग द्वारा पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों को शामिल करते हुए एक अलग राज्य के गठन की मांग का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा कि जब तक ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं, तब तक कोई भी राज्य को विभाजित करने की हिम्मत नहीं कर सकता।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘कुछ नेताओं के कारण, उत्तर बंगाल के मतदाता 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी से दूर हो गए थे। पार्टी ने उनकी पहचान कर ली है और ऐसे किसी भी व्यक्ति को पंचायत चुनाव (अगले साल होने वाले) में टिकट नहीं दिया जाएगा।’’
भाजपा ने उन दो चुनावों में उत्तरी जिलों जैसे कूच बिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में अच्छा प्रदर्शन किया है।
बनर्जी ने राज्य में सत्ताधारी दल की स्वच्छ छवि पेश करने का प्रयास करते हुए कहा कि एक व्यक्ति को यह तय करना है कि वह तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करेगा या ठेकेदार के रूप में अपने व्यवसाय के लिए।
कुछ क्षेत्रों में टीएमसी के कुछ पंचायत नेताओं द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप सामने आए हैं।
बनर्जी ने कहा कि उन्हें 'उत्तर बंगाल' शब्द पसंद नहीं है क्योंकि ऐसा लगता है कि यह क्षेत्र राज्य के बाकी हिस्सों से अलग है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल पश्चिम बंगाल है और कोई दक्षिण या उत्तर नहीं है। अगर कोई बंगाल को विभाजित करने के बारे में सोचता है, तो हम अपने खून की आखिरी बूंद तक उसे रोकेंगे।’’
राज्य के उत्तरी भाग के लिए एक अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग पिछले कई वर्षों में भाजपा ने उठायी है और आरोप लगाया है कि इस क्षेत्र में कोई विकास नहीं हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि वाम मोर्चा ने अपने 34 साल लंबे शासन के दौरान उत्तर बंगाल के विकास के लिए कुछ नहीं किया, जबकि टीएमसी ने 2011 में सत्ता में आने के बाद इस अंतर को काफी हद तक पाट दिया है।
बनर्जी ने स्वीकार किया कि उत्तर बंगाल के जिलों में टीएमसी के नेतृत्व ने कुछ त्रुटियां की हैं, बनर्जी ने कहा, "मैं आपसे क्षमा मांगने और आपको अपना वचन देने आया हूं कि मैं इन स्थानों पर नियमित रूप से आऊंगा।"
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