देश की खबरें | फर्जी खबरें गढ़ रही है भाजपा, पश्चिम बंगाल में बाहर से ‘पर्यटक’ ला रही है : तृणमूल कांग्रेस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह फर्जी खबरें गढ़ रही है। साथ ही उन्होंने चुनाव के मद्देनजर दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आ रहे भाजपा नेताओं को ‘पर्यटक’ बताया, जिन्हें यहां की विरासत और भाषा का ज्ञान नहीं है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

कोलकाता, छह जनवरी तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह फर्जी खबरें गढ़ रही है। साथ ही उन्होंने चुनाव के मद्देनजर दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आ रहे भाजपा नेताओं को ‘पर्यटक’ बताया, जिन्हें यहां की विरासत और का ज्ञान नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद और पार्टी के प्रवक्ता डॉक्टर काकोली घोष दस्तीदार ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ‘‘लोगों की हत्या करके, दंगे भड़का कर और लोगों में फूट डालकर’’ सत्ता पाना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास बहुत नकदी है। उन्होंने एक बड़ी इमारत में कुछ युवाओं को एक के बाद एक फर्जी खबरें गढ़ने में लगा रखा है।’’

सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे कुछ वीडियो क्लिप और खबरों का संदर्भ देते हुए दस्तीदार ने उन्हें ‘‘भाजपा की फैक्टरी में तैयार फर्जी खबरें बताया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बाहर से नेताओं को राज्य में ला रही है जो ‘‘गलत उच्चारण के साथ बांग्ला बोलते हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा पर्यटकों की पार्टी बनकर रह गयी है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि इन ‘पर्यटकों’ को पश्चिम बंगाल की विरासत और परंपराओं का ज्ञान नहीं है, वे रबीन्द्र नाथ ठाकुर जैसी हस्तियों की कुर्सी पर बैठते हैं और नोबेल पुरस्कार विजेता से ऊपर अपनी तस्वीरें रखते हैं।

दिसंबर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की शांति निकेतन के पास बोलपुर यात्रा से पहले वहां पोस्टर लगाए गए थे जिनमें उनकी तस्वीर कवि की तस्वीर के ऊपर लगायी गई थी। इन होर्डिंग, पोस्टरों को लेकर बहुत हंगामा हुआ था, बाद में उन्हें हटा लिया गया था।

दस्तीदार ने कहा, ‘‘ठाकुर ने ‘आमार सोनार बांग्ला’ गीत लिखा है। भाजपा भी सोनार बांग्ला का वादा कर रही है। लेकिन ये लोग बंगाली शब्दों का गलत उच्चारण कर उन्हें खराब कर रहे हैं और राज्य तथा उसके लोगों का अपमान कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें के लिए हजारों बंगालियों द्वारा किए गए बलिदान का ज्ञान नहीं है। उन्हें सिर्फ विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ना और ठाकुर द्वारा इस्तेमाल की गई कुर्सी पर बैठना आता है।’’

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