रायपुर, 22 मार्च छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह वन क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए वनवासियों और आदिवासियों को सही मूल्य दिलाने में विफल रही है।
भाजपा ने इस विषय पर काम रोककर कर चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष ने विपक्ष की मांग खारिज कर दी तो सदन में हंगामा हुआ। हंगामें के बीच विधानसभा की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी।
विधानसभा में आज शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी पार्टी के विधायकों ने सत्ताधारी कांग्रेस पर "आदिवासी विरोधी" होने का आरोप लगाया और कहा कि 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकार ने पिछली सरकार द्वारा चलाई जा रही 'चरण पादुका' योजना को बंद कर दिया।
भाजपा विधायकों ने कहा कि 2017 में जब भाजपा का शासन था, तब 17.10 लाख बोरी तेंदूपत्ता एकत्र किया गया था और इसकी नीलामी के बाद, वन समितियों को 1358 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 2021 में संग्रह घटकर 13 लाख बोरी रह गया और वन समितियों को केवल 704 करोड़ रुपये मिले।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तेंदू पत्ते की कीमत 2500 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति बोरी कर दी, लेकिन वनवासियों को भाजपा सरकार के दौरान दिए जाने वाले पैसे की तुलना में कम पैसा मिल रहा है।
भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने न तो वनवासियों के लिए कोई योजना शुरू की और न ही तेंदू पत्ता संग्रहण के लिए उन्हें सही मूल्य प्रदान किया। उन्होंने स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
जब कांग्रेस विधायकों ने आरोपों का विरोध किया तब सदन में हंगामा हो गया।
जैसे ही अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को खारिज किया भाजपा सदस्यों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
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