जरुरी जानकारी | अमेरिकी चुनावों के बाद बिटकॉइन एक लाख डॉलर के करीब पहुंचा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के पतन के बाद 17,000 डॉलर से नीचे गिरने के दो साल बाद अब बिटकॉइन एक लाख डॉलर के करीब पहुंच गया है।

क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के पतन के बाद 17,000 डॉलर से नीचे गिरने के दो साल बाद अब बिटकॉइन एक लाख डॉलर के करीब पहुंच गया है।

यह आश्चर्यजनक तेजी ऐसे वक्त में आई है, जब उद्योग विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी ट्रम्प प्रशासन डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए क्रिप्टो के लिए अधिक अनुकूल नीति लेकर आएगा।

कॉइनडेस्क के अनुसार शुक्रवार की सुबह बिटकॉइन 98,882 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

ट्रंप पहले क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय में थे, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने अपना विचार बदलते हुए क्रिप्टोकरेंसी की तरफदारी की।

उन्होंने अमेरिका को धरती की क्रिप्टो राजधानी बनाने और बिटकॉइन का रणनीतिक भंडार तैयार करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान चंदे के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को भी स्वीकार किया।

क्रिप्टो उद्योग के समर्थकों ने ट्रंप की जीत का स्वागत किया। उन्हें उम्मीद है कि वह विधायी और नियामक परिवर्तनों को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे, जिनकी वे लंबे समय से पैरवी कर रहे थे।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी (कोड) द्वारा सुरक्षित है। इनका फर्जी व दो बार इस्तेमाल करना लगभग असंभव है। वे ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर मौजूद हैं। ब्लॉकचेन एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिससे बिटकॉइन जैसी मुद्रा का संचालन होता है।

वहीं बिटकॉइन सबसे अधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी का नाम है, जिसके लिए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी बनाई गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। इसकी आपूर्ति प्रोटोकॉल द्वारा निर्धारित होती है, केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं।

भारत में इनके कानूनी पहलू की बात करें तो सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रही है। हालांकि, इसके लागू होने तक इसे अवैध नहीं कहा जा सकता।

सरकार ने 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कर लगाने के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी को अनिवार्य व स्पष्ट रूप से वैध नहीं माना जा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी निजी क्रिप्टो परिसंपत्तियों के उपयोग को लेकर संशय में है और इसे देश की व्यापक आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा मानता है।

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