देश की खबरें | बिपारजॉय: 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रयस्थल भेजा गया, ऑयल रिग से 50 कर्मचारियों को निकाला गया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के गुजरात के तटीय क्षेत्र के पास कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट बृहस्पतिवार शाम को पहुंचने की संभावना के मद्देनजर, प्रशासन ने विभिन्न तटवर्ती जिलों से अब तक 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जखाऊ (गुजरात), 13 जून चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के गुजरात के तटीय क्षेत्र के पास कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट बृहस्पतिवार शाम को पहुंचने की संभावना के मद्देनजर, प्रशासन ने विभिन्न तटवर्ती जिलों से अब तक 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के एक ‘‘बेहद गंभीर चक्रवात’’ के रूप में 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र तथा कच्छ के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक हवाएं चलने के आसार हैं।

आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ इससे संभवत: काफी अधिक नुकसान हो सकता है।’’

आईएमडी के अनुसार, गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है।

महापात्र ने कहा, ‘‘ आमतौर पर इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’’

आईएमडी के अनुसार, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से अधिक भारी बारिश होने के आसार हैं। इन जिलों में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

महापात्र ने कहा, ‘‘ सौराष्ट्र, कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में तीन से छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरें आ सकती हैं। ऐसे क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।’’

राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। अभी तक विभिन्न जिला प्रशासनों ने करीब 21,000 लोगो को अस्थायी आश्रयस्थलों पर पहुंचाया गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया अभी जारी है और लक्षित आबादी को आज शाम तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा।’’

उन्होंने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि 21,000 लोगों में से कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया।

पांडे ने कहा कि चक्रवात से जुड़ी एक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि सोमवार को राजकोट जिले के जसदण तालुका में तेज हवाओं के कारण राज्य राजमार्ग पर एक मोटरसाइकिल पर पेड़ गिरने से वर्षा बावलिया नाम की एक महिला की मौत हो गई और उसका पति घायल हो गया।

आईएमडी ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘वीएससीएस (बहुत प्रचंड चक्रवाती तूफान) बिपारजॉय 13 जून, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात ढाई बजे (सोमवार को आधी रात के बाद) पूर्वोत्तर और आस-पास के पूर्वी मध्य अरब सागर में पोरबंदर से लगभग 290 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। यह 15 जून की शाम तक वीएससीएस के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ से गुजरेगा।’’

इस बीच, भारतीय तट रक्षकों (आईसीजी) ने चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के असर से खराब मौसम के बीच रातभर चले अभियान के तहत गुजरात में द्वारका तट से 40 किलोमीटर दूर तेल निकालने के लिए समुद्र पर बनाए गए प्लेटफॉर्म (ऑयल रिग) से 50 कर्मचारियों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

आईसीजी ने एक बयान में कहा,‘‘ भारतीय तटरक्षक क्षेत्र उत्तरपश्चिम ने आईसीजी एएलएच विमान तथा शूर पोत से आयल रिग ‘की सिंगापुर’ से 50 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला।’’

उसने कहा, ‘‘उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच)और पोत ने ‘‘खराब समुद्री परिस्थितियों’’ और चक्रवात बिपारजॉय के कारण खराब मौसम में इसे अंजाम दिया। चक्रवात बिपारजॉय गुजरात के तटीय क्षेत्र के पास कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह पर 15 जून को पहुंचने की संभावना है।

पांडे ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो।

उन्होंने बताया कि बचाव अभियान मंगलवार से दो चरणों में शुरू किया जाएगा और सबसे पहले समुद्र तट से पांच किलोमीटर तक की दूरी पर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके बाद तट से पांच से 10 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा और इस दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।

पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12-12 दलों को चक्रवात से प्रभावित हो सकने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नयी दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया कि राज्य सरकार संवेदनशील स्थानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले।

अधिकारियों ने बताया कि जखाऊ में बचाव अभियान सोमवार को ही आरंभ हो गया था। बिपारजॉय चक्रवात के आगमन से पहले गुजरात के व्यस्ततम बंदरगाहों में से एक जखाऊ बंदरगाह सुनसान पड़ा है, समुद्र अशांत है, तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है।

“अत्यंत गंभीर चक्रवातीय तूफान” बिपरजॉय के पंद्रह जून को बंदरगाह तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके मद्देनजर आम लोगों को बंदरगाह के आसपास से हटा दिया है। फिलहाल बंदरगाह के पास कुछेक कर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मछली पकड़ने वाली सैकड़ों नावों को तट पर लाया गया है और उन्हें प्रकृति के आसन्न प्रकोप से बचाने की उम्मीद में कतारों में खड़ा कर दिया गया है।

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की चेतावनी के बाद से कांडला में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह पर नौवहन गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और श्रमिकों सहित लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है।

उसने बताया कि 12 जून से 16 जून तक चक्रवात के प्रभाव के कारण तेज सतही हवाएं चलने की संभावना है।

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