Bihar: भर्ती नियमों का विरोध करने पर शिक्षकों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा

बिहार सरकार ने मंगलवार को पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों को सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भर्ती के लिए नए नियमों के खिलाफ किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी.

Nitish Kumar (Photo Credit: Republic Bharat)

पटना, 16 मई: बिहार सरकार ने मंगलवार को पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों को सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भर्ती के लिए नए नियमों के खिलाफ किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी. जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए एक पत्र में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है, ‘‘राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए जो राज्य सरकार द्वारा हाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए नियमों के खिलाफ किसी विरोध प्रदर्शन का आयोजन करते हैं या उसमें भाग लेते हैं.’’ यह भी पढ़ें: Karnataka Election Result 2023: कर्नाटक के नतीजों पर तेजस्वी यादव बोले- अब बीजेपी हर चुनाव में हारेगी

पत्र में कहा गया कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नए नियमों के खिलाफ शिक्षक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. राज्य मंत्रिमंडल ने 2 मई को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों के लिए 1.78 लाख शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी देने के एक दिन बाद नियुक्तियों के तौर-तरीकों को लेकर विरोध शुरू हो गया.

नियुक्तियों के तौर-तरीकों पर एतराज जताते हुए शिक्षकों के कई संघों ने इसे पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त 3.5 लाख शिक्षकों के खिलाफ बताया था. बिहार राज्य स्कूल शिक्षक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्रवाई और सेवा शर्त नियम 2023 में सभी प्रकार के स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक मानकीकृत प्रक्रिया शामिल है.

इसके तहत पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों समेत 2006 से नियुक्त शिक्षकों के पास भी इस कैडर में शामिल होने का विकल्प होगा लेकिन इसके लिए उन्हें परीक्षा भी देनी होगी जो अब विवाद का केंद्र बिंदु बन गया है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले हजारों लोग एक और केंद्रीकृत परीक्षा का सामना करने की संभावना से खुश नहीं हैं जिसे बीपीएससी द्वारा आयोजित किए जाने की संभावना है.

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